सीपीएम की छह सदस्यीय टीम ने देदौर में अग्निपीड़ितों का जाना हाल

पुलिस ने मिलने से रोका, अधिकारी ने मिलने का दिया आदेश

By Prabhat Khabar News Desk | September 24, 2024 4:49 PM

नवादा कार्यालय. मुफस्सिल थाना अंतर्गत देदौर गांव के कृष्णा नगर दलित टोले में हुई आगजनी की घटना की जांच सीपीएम के कार्यकर्ताओं ने की. घटनास्थल पर सीपीएम के छह सदस्यीय टीम पहुंचकर घटना की जानकारी ली. जांच टीम को वहां पुलिस निरीक्षक ने घटनास्थल पर जाने से रोका, किंतु सदर एसडीओ के आदेश के बाद जांच टीम घटनास्थल पर पहुंची और घटना की पूरी जानकारी प्राप्त की. गांव के रामप्रीत मांझी, मिथिलेश मांझी, मारो देवी, रामेश्वरी देवी, किशोरी रविदास, संजय रविदास आदि ने बताया कि पिछले वर्ष भी सामंती अपराधियों ने जमीन से बेदखल करने के लिए हमलोगों पर हमला किया था. किंतु पहले मुफस्सिल थाना, अनुसूचित जाति थाने में मुकदमा दर्ज नहीं किया गया. जांच टीम ने घटना की कड़े शब्दों में निंदा की और नामजद अभिक्तों की गिफ्तारी अविलंब करने की मांग. जांच टीम की ओर से सीपीएम के राज्य सचिव ललन चौधरी ने बताया कि वर्षों से इस जमीन पर गरीब बसे हुए हैं. किंतु प्रशासन ने उन्हें बासगीत पर्चा निर्गत नहीं किया. पिछले साल भी अप्रैल महीने में गरीबों पर हमले हुए. उस वक्त अगर हमलावरों पर कार्रवाई होती, तो शायद अपराधी गरीबों पर दोबारा हमला नहीं करते. राज्य सरकार जमीन से जुड़े विवादों का निबटारा नहीं कर रही है. इस कारण अभी भी हिंसक वारदातें होती रहती है. उन्होंने कहा कि 15 एकड़ जमीन पर गरीब बसे हुए हैं. जिला प्रशासन उन्हें अविलंब पर्चा निर्गत करें. कैंप में खाने-पीने की जो व्यवस्था की गयी है, उसमें गुणवत्ता की कमी है. उसमें अपेक्षित सुधार की जरूरत है. दलित शोषण मुक्ति मंच के राज्य महासचिव श्याम भारती ने कहा कि बिहार में भाजपा के समर्थन से सरकार बनने के बाद दलित, महादलित और कमजोर वर्गों पर हमलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि भूमि माफियाओं ने दलित वर्ग को आगे कर दलितों पर हमला कराया है, जो बहुत निंदनीय है. दलितों से अपील है कि अपनी एकता को बरकरार रखते हुए झांसे में नहीं आएं. एनडीए की सरकार अगर समय रहते जमीन विवाद को हल करने में कामयाब रहती, तो शायद ऐसी बर्बरता जुल्म दलितों पर ढाया नहीं जाता. उन्होंने बचे हुए सभी नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार कर स्पीडी ट्रायल के जरिये सजा देने की मांग की. जांच टीम ने बसे हुए परिवारों को अविलंब पर्चा देने, शेष बचे हुए अभियुक्तों को गिरफ्तार करने और सभी अग्निपीड़ितों को सहायता राशि देने की मांग को लेकर चार अक्त्तूबर को नवादा जिला मुख्यालय पर प्रतिवाद मार्च आयोजित करने की घोषणा की है. जांच टीम में सीपीएम राज्य सचिव ललन चौधरी, दलित शोषण मुक्ति मंच के राज्य महासचिव श्याम भारती, नवादा सीपीएम जिला सचिव नरेशचंद्र शर्मा, पार्टी के वरिष्ठ नेता रामजतन सिंह, विपिन कुमार, मुकुलेश प्रसाद आदि शामिल थे.

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