भूमि अधिग्रहण के पेच में फंसा एसएच-103 के चौड़ीकरण का काम
अधिगृहित जमीन के मुआवाजे को लेकर बंद है निर्माण कार्य
मेसकौर. मंझवे गोविंदपुर स्टेट हाइवे-103 के चौड़ीकरण का काम बीते डेढ़ साल से खटाई में है. जिन रैयतों की जमीन सड़क चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित की गयी है, उन रैयतों को जमीन का मुआवजा नहीं मिला है. इससे आक्रोशित रैयतों ने सड़क निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है. इस संकट के समाधान के लिए पथ निर्माण विभाग ने मेसकौर प्रखंड मुख्यालय में शनिवार को लोक सुनवाई हुईं. इसमें रैयतो से आग्रह किया गया है कि जिनकी, जितनी जमीन सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहण किया गया है, वह सभी मुआवजे के लिए जमीन के कागजात के साथ एलपीसी बनवाकर भूअर्जन विभाग में जमा करें. जांच के बाद उनको अधिगृहित जमीन का मुआवजा मिल जायेगा. एसएच-103 के डीजीएम संजीत कुमार ने बताया कि जमीन अधिग्रहण का मुआवजा जल्द ही सभी जमीन दाताओं को मिल जायेगा. राज्य मुख्यालय को जमीन अधिग्रहण मद में राशि देने का अनुरोध किया है. राज्य प्रशासन और पथ निर्माण विभाग की उदासीनता के कारण मंझवे गोविंपुर एसएच-103 इन दिनों बरसात में राहगीरों के लिए जी का जंजाल बन गया है. आये दिन इस सड़क पर दुर्घटनाएं होती रहती हैं. इसके बावजूद इसके प्रशासनिक महकमा निर्माण कार्य में उदासीन बना हुआ है. सड़क के दोहरीकरण को लेकर डेढ़ वर्ष पूर्व ही पूरी सड़क को उखाड़ दिया गया था. गड्ढा कर उसमें बोल्डर फीलिग करके छोड़ दिया गया. इस बीच ग्रामीणों ने मुआवजे को लेकर कार्य को बंद करा दिया. जिन गांव वालों की जमीन रोड के किनारे है. उन सब की जमीन कमोबेश कुछ न कुछ सड़क दोहरीकरण में ले ली गयी है. वे लोग मुआवजे की मांग करने लगे और तब से रोड का निर्माण कार्य बंद पड़ा हुआ है. ग्रामीण व राहगीरों की माने, तो आये दिन उक्त रास्ते में साइकिल, मोटरसाइकिल से दुर्घटना होती रहती है. सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. कहीं-कहीं तो सड़क को छोड़कर अलग से ही कच्चा रोड बन गया है. साइकिल से कॉलेज, स्कूल जाने वाले बच्चे व बच्चियों ने बताया कि उन लोगों को काफी परेशानी होती है. जब बारिश होती है, उस समय तो और भी मुश्किल हो जाता है. सूखे में भी हर समय धूल उड़ती रहती है. सीओ अभिनव राज ने बताया कि एसएच-103 मंझवे से ककोलत के साथ-साथ एनएच-82 को एनएच-20 से जोड़ने वाली मुख्य सड़क है और यहां काफी व्यस्त है. सड़क की हालात से सभी को कष्ट हो रहा है. पहले रोड बहुत अच्छा था, दोहरीकरण के नाम पर देरी होने से क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. संवेदक सुनील कुमार का कहना है कि ग्रामीणों को मुआवजे की राशि मिल जाती है, तो दो दिनों के अंदर कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा. तकरीबन डेढ़ साल से जिले में मुआवजे की फाइल पड़ी हुई है. कुछ महीने पहले सीओ अभिनव राज, डीजीएम संजीत कुमार, इंजीनियर अनिकेत कुमार, एसएच 103 के प्रोजेक्ट मैनेजर सुनील कुमार सिंह ने रैयतों के साथ बैठक कर शीघ्र ही मुआवजे राशि दिलाने की बात कही थी, लेकिन उस बैठक के बाद अभी तक रैयतों को कुछ नहीं मिला है जिसके कारण कार्य बंद पड़ा हुआ है. मुआवजे को लेकर सीओ ने बताया की अधिगृहित जमीन का एलपीसी एवं कागजात जमीन दाता जल्द से जल्द अंचल या भू अर्जन कार्यालय को उपलब्ध करवाएं. मुआवजा भुगतान होने में देर नहीं लगेगी. अंचल से सभी कार्य हो चुका है. मुआवजे की जांच प्रतिवेदन भेज दिया गया है.
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