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देदौर अग्निकांड में नालंदा जिले के पांच आरोपित गिरफ्तार

आगजनी के मामले में अब तक 24 आरोपितों की हुई गिरफ्तारी

प्रतिनिधि, नवादा कार्यालय जिले ही नहीं, सूबे की चर्चित सदर प्रखंड के देदौर गांव के कृष्णा नगर महादलित टोले हुए अग्निकांड में पुलिस ने नालंदा जिले के पांच नामजद आरोपितों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपितों पर महादलित परिवार के साथ मारपीट व ताबड़तोड़ गोली फायरिंग कर दहशत फैलाने के साथ करीब 34 घरों में आग लगाने का मामले दर्ज है. इस कांड में सभी आरोपित फरार चल रहे थे. गिरफ्तार आरोपित नालंदा जिले के रहनेवाले हैं. अग्निकांड के बाद एसपी अभिनव धीमान ने सदर एसडीपीओ-2 तथा मुफस्सिल थानाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार के नेतृत्व में एसआइटी ने छापेमारी की. इस दौरान नालंदा जिले के विभिन्न ठिकाने से आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपितों की पहचान नालंदा जिले के रहुई थाना क्षेत्र के राघुनाथपुर गांव निवासी दशरथ चौहान के बेटे जयपाल चौहान, मिथिलेश चौहान के बेटे विनय चौहान, गोविंदपुर गांव निवासी राजेंद्र चौहान के बेटे रोहित चौहान, नूरसराय थाना क्षेत्र के नारी गांव निवासी अनिल यादव के बेटे छोटेलाल कुमार व दीपनगर थाना क्षेत्र के लालबाग निवासी राजेंद्र प्रसाद के बेटे अमित राज के रूप में हुई है. वहीं, मौके से पुलिस ने आगजनी में उपयोग की गयी एक स्कॉर्पियो की भी जब्त की गयी है. इन सब गिरफ्तारी बाद कुल 28 नामजद अभियुक्तों में से 24 अभियुक्त की गिरफ्तारी की जा चूंकि है. बताते चले कि बीते 18 सितंबर 2024 को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के देदौर गांव टोला कृष्णा नगर बसे महादलित परिवार की करीब 34 घरों को आग के हवाले कर दिया गया था. धू-धू जल रही घरों पर पुलिस ने अग्निशमन दस्ता की सहयोग से आग पर काबू पाया गया था. एसपी के निर्देश पर पुलिस ताबड़तोड़ छापेमारी कर घटना के रात ही करीब 15 नामजद अभियुक्त की गिरफ्तारी कर ली थी. उसके कुछ दिन बाद चार अन्य अभियुक्त की गिरफ्तारी की गयी थी. 18 सितंबर को हुई थी घटना: गौरतलब है कि जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में बीते 18 सितंबर को कृष्णा नगर महादलित टोले देर शाम करीब तीन दर्जन से अधिक असामाजिक तत्वों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए झोपड़ीनुमा घर में आग लगा दी थी. इससे महादलित टोले में कोहराम मंच गया था. सूचना बाद जिला प्रशासन ने अग्निशमन दस्ता लेकर पहुंचकर आग पर काबू पाया था. स्थिति गंभीर देखते हुए जिले का डीएम आशुतोष कुमार वर्मा तथा एसपी अभिनव धीमान खुद मौके पर पहुंचकर स्थिति नियंत्रण किया था. इस आगजनी घटना पूरे राज्य को झकझोड़ कर रख दिया था. देश प्रदेश की विभिन्न दल की कई नेताओं का दौड़ा घटनास्थल पर हुआ है. पूरे मामले में जमीनी विवाद सामने आया है. ऐसे राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने तत्काल पीड़ित परिवार को रहने व खाने की समुचित व्यवस्था करते हुए आपदा से विभिन्न मद में करीब डेढ़-डेढ़ लाख रुपये से अधिक अनुदानित मदद पहुंचाया है. अब धीरे-धीरे स्थिति पटरी पर लौटी है. जिला प्रशासन स्तर से जमीन विवाद को निबटाने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन, मामला न्यायालय में रहने की कारण जिला प्रशासन ज्यादा हस्तक्षेप नहीं कर सकता है. इस कारण विवाद सुलझाने में अभी वक्त लगेगा. खैर मामला जो भी हो, किसी को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत प्रशासन कतई नहीं देगा.

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