इ-रिक्शा चालकों की हड़ताल से यात्री रहे परेशान

शहर में इ-रिक्शा स्टैंड की मांग को लेकर फूटा गुस्सा

By Prabhat Khabar News Desk | May 8, 2024 9:30 PM
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नवादा नगर.

जिले के शहरी क्षेत्र में बुधवार को इ-रिक्शा चालकों ने हड़ताल कर प्रदर्शन किया. इससे शहर में यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इ-रिक्शा चालकों ने यातायात पुलिस उत्पीड़न व अन्य मांगों को लेकर हड़ताल की. हड़ताल कर बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर मांगें पूरी नहीं होगी, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे. हड़ताल के चलते यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. सभी इ-रिक्शा चालक चमड़ा गोदाम के पास एकत्र हुए. चालको ने कहा कि पुलिस उनके साथ मारपीट कर उत्पीड़न करती है. मनमाने ढंग से जुर्माना वसूला जाता है. इतना ही नहीं तीन नंबर स्टैंड में निर्धारित राशि दे देने के बाद भी तीस रुपये अलग से दोबारा रंगदारी लिया जाता है. चालक जितेंद कुमार, दसगिर अंसारी, सरवर आलम,मंसूर आलम इत्यादी ने कहा कि हम सभी अधिकांश इ-रिक्शा चालकों ने बैंक से ऋण ले रखा है. पुलिस उन्हें ई-रिक्शा नहीं चलाने देगी, तो वह बैंक की किस्त कैसे देंगे. बैठक में कहा गया कि शहर की यातायात व्यवस्था सुचारू बनी रहनी चाहिए. इसके लिए वह पूरा सहयोग करने के लिए तैयार हैं. उनकी समस्याओं का पुलिस और प्रशासन के अधिकारी जल्द समाधान कराएं, अन्यथा मजबूर होकर आंदोलन भी किया जायेगा. इस अवसर पर बड़ी संख्या में इ-रिक्शा चालक व संचालक मौजूद थे. पुलिस द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न से काफी परेशान हैं. अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है. नगर परिषद से इ-रिक्शा स्टैंड को लेकर कई बार गुहार लगायी गयी है, पर अभी हमलोगों को स्टैंड मुहैया नहीं कराया गया. बाद में यातायात पुलिस के जवानों के द्वारा यातायात थाना में इ-रिक्शा चालकों के साथ बैठक में यातायात प्रभारी सह पुलिस अवर निरीक्षक विजय कुमार बैठक में कहा कि सभी इ-रिक्शा चालकों को यातायात के तरफ से पूरा सहयोग दिया जायेगा. इ-रिक्शा चालक जितने भी है, सभी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाएं. इसके बाद इ-रिक्शा स्टैंड बहुत जल्द मुहैया करा दिया जायेगा.यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के लिए प्रजातन्त्र चौराहा से नो इंट्री है. यातायात नियमों के उल्लंघन करने पर जुर्माना वसूल किया जाता है.सड़क पर जहां-तहां रोक दिया जाता है.बाकी शहर में कहीं रोक-टोक नहीं है. नगर में प्रतिदिन जाम लगने की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए यह निर्णय लिया गया है. इस निर्णय के बाद लोगों को जाम से राहत भी मिली है. उत्पीड़न करने का आरोप निराधार है.

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