हिसुआ नगर में सड़क किनारों से हटायी गयी अवैध फुटपाथी दुकानें

हिसुआ नगर में अतिक्रमण हटाने में जुटे अधिकारी

By Prabhat Khabar News Desk | November 16, 2024 4:41 PM
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हिसुआ. शनिवार को हिसुआ के मुख्य मार्गों में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया. अधिकारियों की उपस्थिति में जेसीबी चलाकर फुटपाथी अतिक्रमण को हटाया गया. नरहट रोड से अतिक्रमण हटाने का काम शुरू हुआ. दुकानों के आगे किये गये पक्के निर्माण सहित स्थायी और अस्थायी सीढ़ी व अवैध निर्माण को हटाया गया. गुमटी, करकट, पाइप, लोहे के रॉड, बांस-बल्ले से बनाये गये शेड, छज्जे को भी ध्वस्त किया गया. कई घंटे तक विश्वशांति चौक से सटे मार्गों पर बुलडोजर चलता रहा. वहीं, फुटपाथी दुकानदार जद्दोजहद कर अपने-अपने अतिक्रमण हटाते रहे. दो दिनों से नगर र्पषद की ओर से लाउडस्पीकर से अतिक्रमण हटा लेने की चेतावनी दी जा रही थी. गौरतलब हो कि इन दिनों हिसुआ बाजार भयानक रूप से जाम की चपेट में है. दिन भर बार-बार विश्वशांति चौक, नवादा और नरहट रोड जाम रहता है. लोगों को पैदल तक चलना मुश्किल होता है. अतिक्रमण हट जाने से लोगों और वाहनों को जाम से मुक्ति मिलेगी. मेन रोड में जितनी चौड़ी सड़क है, उससे दुगुना अतिक्रमण है. सड़क के दोनों किनारों पर बने नालियों के ढक्कन से भी आगे सड़क पर कब्जा है. बहुत सारे दुकानदार ऐसे हैं, जिन्होंने पांच और आठ फुट की दुकानें हैं और रोड पर 10- 12 फुट तक ऊपर से कब्जा कर रखा है. दुकान और घरों की सीढ़ियां तक रोड पर बने हुए हैं. आम लोगों ने जाम से मुक्ति के लिए इसे बेहतर पहल बताया. अतिक्रमण हटाने में सीओ सुमन सौरभ, बीडीओ देवानंद कुमार सिंह, इओ अतीश रंजन, स्वच्छता पदाधिकारी रजनीश कुमार गुलशन सहित नप कर्मी, सफाईकर्मी व पुलिस टीम लगी हुई थी. फुटपाथी दुकानदारों पर आयी आफत अतिक्रमण हटाने की पहल से सजी-सजायी दुकानों पर आफत आ गयी. सब्जी, फल, कच्ची सामाग्री और रोजमर्रा की चीजों को बेचने वाले दुकानदारों की पूंजी जाया होने की मार पड़ी. फुटपाथी दुकानदारों का कहना था कि सुबह से बुलडोजर चलता और पूंजी की हानि नहीं पहुंचती. दुकानों को तहस-नहस कर दिये जाने से उनका रोजगार मर गया. सजा-सजाया दुकान तहस-नहस हो गया. सामान की क्षति हुई. फुटपाथी दुकानदारों ने वेंडिग जोन, सब्जी मंडी आदि बनाकर उसका पुनर्वास करने के बाद इस तरह से अतिक्रमण हटाने की बातें कहीं. दुकानदारों ने कहा कि बड़ी तादात में हिसुआ के फुटपाथी दुकानदार, ठेला गुमटी और सब्जी बेचने वालों की रोजी-रोटी का सबाल पैदा हो गया. रोज कमाने-खाने वालों के लिए मुश्किल की घड़ी है. उनका आरोप है कि यह तो सरासर अन्याय है हम जायें तो जायें कहां.

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