नवादा कार्यालय.
जहां बेदर्द हाकिम हो, वहां फरियाद क्या करना! बावजूद डीएम के जनता दरबार में फरियादियों की कमी नहीं है. समस्या का समाधान हो या फिर शिकायत करने वालों पर फर्जी मुकदमा कर उसे मुंह बंद रखने पर बाध्य कर दिया जाय, क्या फर्क पड़ता है? कुछ इसी प्रकार की कहानी पकरीबरावां प्रखंड क्षेत्र के उकौड़ा पंचायत की डोला गांव का है. भ्रष्टाचार की अकथ कहानी के साथ मणिकांत कुमार डीएम के जनता दरबार में न्याय की गुहार लगाने पहुंचे. मामला आवास व विधवा पेंशन से जुड़ा बताया गया है.पति को मृत बता लिया विधवा पेंशन का
लाभ
:डोला गांव के राजेंद्र शर्मा, पिता मथुरा शर्मा को एक बीडीओ ने मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर पत्नी लीला देवी को विधवा पेंशन का लाभ दे दिया. अब तक लीला देवी विधवा पेंशन का लाभ ले रही है. आश्चर्य यह कि वह डोला गांव के बजाय वह पकरीबरावां उतरी पंचायत बाजार में दो मंजिले भवन में निवास करती है, लेकिन पेंशन का लाभ डोला गांव से ले रही है. और तो और आधार व राशन कार्ड भी पकरीबरांवा उतरी पंचायत बाजार का है.
मृत हुआ जिंदा, लिया आवास का लाभ:इस मामले की पोल तब खुली, जब मृत राजेंद्र शर्मा जिंदा हो उठे. दूसरे बीडीओ ने मृतक को जिंदा कर आवास का लाभ दे दिया. अब सबसे बड़ा सवाल यह कि राजेंद्र शर्मा जिंदा है या मुर्दा? अगर जिंदा है तो पत्नी को विधवा पेंशन क्यों? अगर मुर्दा हैं तो आवास का लाभ क्यों? वह भी दो मंजिले मकान वाले को. वैसे पकरीबरांवा में दो मंजिले आवास वालों को आवास का लाभ देने का यह कोई नया मामला नहीं है. इसके पूर्व भी तीन मंजिले मकान मालिक मो कासीम की पत्नी साबुन निशा को भी आवास का लाभ मिल चुका है. वैसे मामले की अगर निष्पक्ष जांच की जाये, तो सैकड़ों ऐसे मामले सामने आयेंगे.
कुछ इसी प्रकार की कहानी अकबरपुर प्रखंड क्षेत्र के बलिया बुजुर्ग पंचायत में भी सामने आयी थी सचित्र खबर प्रकाशित होने के बावजूद दो मंजिले भवन वाले को आवास का लाभ दिया गया था, जो अबतक बरकरार है. डीएम के जनता दरबार में मामला पहुंचा है. अब आवेदक के अलावे सभी को सच्चाई का इंतजार है. इस संबंध में डीएम प्रशांत कुमार सीएच ने कहा कि जनता दरबार में आयी शिकायत की जांच के लिए आदेश दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है