हिसुआ को अनुमंडल बनने तक जारी रहेगा संघर्ष : कन्हैया कुमार बादल

अनुमंडल बनाने सहित कई मांगों को लेकर किया उपवास और दिया धरना

By Prabhat Khabar News Desk | January 1, 2025 10:25 PM

हिसुआ. हिसुआ के विश्वशांति चौक पर न्यायिक जन संघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मेसकौर पंचायत के पूर्व मुखिया कन्हैया कुमार बादल के नेतृत्व में बुधवार को एकदिवसीय उपवास और धरना दिया. इसका समर्थन सर्वदलीय कार्यकर्ता व समाजसेवियों ने किया. हिसुआ को अनुमंडल बनाने, नवादा को विशेष जिला का दर्जा देने, मंझवे और नेमदारगंज को प्रखंड बनाने, मेडिकल कॉलेज व सेंट्रल स्कूल खोलने, तिलैया जंक्शन पर सभी ट्रेनों का ठहराव, कालाबाजार और भ्रष्टाचार से मुक्ति सहित 15 सूत्री मांगों को लेकर उपवास रखा गया. कन्हैया कुमार बादल ने कहा कि जब तक हिसुआ अनुमंडल नहीं बनेगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा. 30 साल पहले ही हिसुआ को अनुमंडल बन जाना चाहिए था. इससे हिसुआ, नरहट, नारदीगंज एवं मेसकौर चार प्रखंड के लोगों को लाभ मिलेगा. मांग को लेकर लगातार पहली जनवरी को अनशन का कार्यक्रम जारी है. इसके लिए हस्ताक्षर अभियान, खुली चिट्ठी, हड़ताल सहित गांधीवादी तरीके से मांगे रखी गयी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हिसुआ की खुली जनसभा में घोषणा की थी. लेकिन, अभी तक कुछ नहीं हुआ. जनता की मांग पर 20 साल से संघर्षरत हूं. उन्होंने हिसुआ के तमाम जनप्रतिनिधि, सभी दल, बुद्धिजीवी, युवा वर्ग एवं किसानों से सहयोग की अपील की. कार्यक्रम के समर्थन में जनसुराज के वरीय नेता विकास कुमार ज्योति, गोपाल कृष्ण, युगल किशोर राम, दशरथ मांझी संस्था के कपिल मांझी, राजद के मनोज कुशवाहा सहित कई दल के कार्यकर्ता शामिल थे. विकास कुमार ज्योति ने कहा कि हम इनकी मांग का समर्थन करते हैं और इस संघर्ष में शामिल हैं. गोपाल कृष्ण ने कहा कि हिसुआ नेता विहिन है. अच्छे नेता होते तो आज हिसुआ अनुमंडल बन गया होता. युगल किशोर राम ने कहा कि रजौली से पहले हिसुआ को अनुमंडल बन जाना था, लेकिन यहां के लिए कोई नेतृत्वकर्ता और पहल करने वाला नेता नहीं था. मनोज कुशवाहा ने भी शीर्ष नेताओं को इसके लिए दोषी ठहराया. मौके पर मनोज कुशवाहा और डॉ रमेश कुमार ने जागरूकता गीत से लोगों को प्रभावित किया और संघर्ष को ताकत दी. मौके पर डॉ प्रदीप शर्मा, रामविलास मांझी, डॉ रविशंकर, नवीन कुमार, मीना देवी, उन्नत कुमार, रमोद कुमार, सूरज कुमार समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे.

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