रोह़ स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने के लिए सरकार की ओर से करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं. इसके बावजूद सदर अस्पताल में मरीजों को समुचित दवा व इलाज नहीं मिल रहा है. इससे भर्ती मरीजों की जान तक चली जाती है. ऐसा कुछ मामला सोमवार को सदर अस्पताल में सामने आया है. रोह थाना क्षेत्र के रूपौ गांव के पास तेज रफ्तार अज्ञात वाहन की चपेट में आने से घायल 55 वर्षीय चौकीदार बनवारी पासवान की मौत सदर अस्पताल में दवा के अभाव में हो गयी. इसके बाद परिजनों में हंगामा किया. जानकारी के अनुसार, सोमवार की देर शाम चौकीदार बनवारी पासवान ड्यूटी के लिए रूपौ थाना जा रहे थे. इस बीच तेज रफ्तार वाहन ने पीछे से धक्का मार दिया. इससे वह घायल हो गये. घटना की सूचना पर परिवार के लोगों ने उन्हें इलाज के लिए रोह अस्पताल में भर्ती कराया. डॉक्टर ने घायल चौकीदार को देखते हुए चिंताजनक स्थिति में नवादा रेफर कर दिया. नवादा सदर अस्पताल में इलाज के लिए घायल को भर्ती किया गया. लेकिन, डॉक्टर द्वारा लिखी गयी दवा नहीं मिलने से चौकीदार ने दम तोड़ दिया. मृत व्यक्ति के साला विनय पासवान ने बताया कि नवादा के अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. लिखी गयी दवा सदर अस्पताल में नहीं थी उपलब्ध, शहर का लगाते रहे चक्कर विनय पासवान ने आरोप लगाया कि सरकारी अस्पताल में बेहतर इलाज की व्यवस्था नहीं रहने के कारण ही उनके जीजा की मौत हुई है. अस्पताल के डॉक्टर ने 2:00 बजे रात में ट्रायपिल दवा लिखी, जो पूरे नवादा में घूमने के बाद भी नहीं मिली. अंततः मेरे जीजा की मौत हो गयी. रात होने के कारण नवादा में कोई मेडिकल दुकान खुली नहीं थी और सरकारी अस्पताल में भी दवा की व्यवस्था नहीं थी. दवा के अभाव में उनकी मौत हुई है. लोगों ने बताया कि नवादा में एक बड़ी समस्या यह है कि रात के नौ बजे के बाद दवा की जरूरत पड़ने पर कहीं भी कोई मेडिकल दुकान खुली नहीं मिलती है. इससे आये दिन ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती रहती हैं. मौत की जानकारी मिलते ही रुपौ के थाना अध्यक्ष विनय कुमार ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. क्या कहते हैं अधिकारी
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