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प्रेग्नेंट करने के नाम पर ठगी करते तीन साइबर आरोपित धराये

महिला के प्रेग्नेंट होने पर पांच लाख, नहीं होने पर इनाम के रूप में 50 हजार देने का देते प्रलोभन

नवादा कार्यालय.

साइबर अपराधी इन दिनों ठगी करने के विभिन्न तरीके अपना रहे हैं. विभिन्न फाइनेंस कंपनियों से सस्ते दर पर लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने के मामले सामने आ रहे हैं. सोमवार को साइबर पुलिस ने महिलाओं को गर्भवती कराने के नाम पर ठगी करने वाला साइबर अपराध गिरोह का खुलासा किया हैं. महिला के गर्भवती करने के नाम पर ठगी करनेवाले तीन साइबर अपराधियों को पुलिस ने नारदीगंज की कहुआरा गांव की बधार से गिरफ्तार किया है. इसके पास छह मोबाइल भी बरामद किया है. बरामद मोबाइल में वाटस्एप चैटिंग, फोटो, ऑडियो व लेनदेन की ट्रांजेक्शन पाया गया हैं. पुलिस कार्यालय में प्रेसवार्ता में पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय सह प्रभारी साइबर पुलिस डीएसपी इमरान परवेज ने बताया है कि साइबर पुलिस को सूचना प्राप्त हुई कि नारदीगंज थाना क्षेत्र के कहुआरा गांव के बधार में कुछ साइबर अपराधियों के द्वारा ठगी की जा रही है. एसपी की निर्देश पर त्वरित साइबर प्रभारी थानाध्यक्ष रविरंजन मंडल व निलेश कुमार सिंह के नेतृत्व में एसआइटी गठित कर घटनास्थल पर छापेमारी की गयी. छापेमारी में तीन साइबर अपराधियों की पुलिस ने धर दबोचा. पकड़े गये साइबर अपराधियों के पास तलाशी में छह मोबाइल बरामद किये गये हैं. गिरफ्तार साइबर अपराधियों की पहचान नारदीगंज थाना क्षेत्र के कहुआरा गांव निवासी भागीरथ प्रसाद के 20 वर्षीय बेटे प्रिंस कुमार, सुख सागर महतो के 20 वर्षीय बेटे भोला कुमार व गिरधारी प्रसाद के 18 वर्षीय बेटे राहुल कुमार के रूप में हुई हैं.

ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब के नाम पर बना रखा था साइटगिरफ्तार अपराधियों से साइबर थाने में पूछताछ में बताया कि ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब यानी बेबी बर्थ सर्विस एवं प्ले बॉय सर्विस के नाम पर एक साइट बनाकर भोले-भाले लोगों से संपर्क करता था. जिन महिलाओं को बच्चा नहीं होता हैं, उन्हें प्रलोभन देता था. साइबर ठग झांसा देते थे कि अगर महिला प्रेग्नेंट हो गयी, तो पांच लाख रुपये व नहीं हुई तो पचास हजार रुपये दिया जायेगा. वहीं, जब कोई महिला तैयार हो जाती हैं, तो रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर पांच हजार रुपये से 20 हजार रुपये तक की राशि की ठगी की जाती हैं. महिला को प्रेग्नेंट कर देने पर पांच लाख मिलेंगे, नहीं करने पर भी प्रोत्साहन राशि के तौर पर पचास हजार मिलेंगे. इन झांसे में फंस कर भोले-भाले लोगों ठगे जाते हैं. विश्वास दिलाने के लिए रजिस्ट्रेशन की नाम पर उससे आधार कार्ड, पेन कार्ड की मांग करता है. सर्विस चार्ज की नाम पर पांच से 20 लाख रुपये की ठगी कर ली जाती हैं.

साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने दर्ज किया है मामलासाइबर प्रभारी पुलिस उपाधीक्षक इमरान परवेज ने बताया है कि गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास छह मोबाइल बरामद किये गये हैं. इसमें फोन गैलरी, वॉट्सएप चिट, फोटो, ऑडियो व लेनदेन के कई ट्रांजेक्शन मिले हैं. विभिन्न साक्ष्य तथा सबूतों की आधार पर गिरफ्तार अपराधियों की विरोध में आइटी एक्ट व बीएनएस की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया हैं.

नहीं थम रहा साइबर अपराध का धंधागौरतलब है कि जिले में साइबर अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है. वारिसलीगंज, पकरीबरावां, काशीचक व रोह इसका गढ़ माना जाता है. यकीन करें, तो विभिन्न तरह की फाइनेंस कंपनियों से लोन दिलाने व विभिन्न प्रकार की एजेंसीज दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने की मामले सामने आते रहते हैं. इन ठगी के मामले में पिछले तीन माह में करीब छह दर्जनों साइबर अपराधियों की गिरप्तारी हुई है. लेकिन यह बांझपन महिला को गर्भवती करने की नाम पर दूसरी मामला सामने आया है. एक वर्ष पहले भी कादिरगंज थाने के एक गांव से करीब आधा दर्जन साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी की गयी थी, जो प्रेग्नेंट की नाम पर ठगी किया करता था. साल बाद दूसरी मामला फिर सामने आया है.

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