बब्लू कुमार, नवादा नगर जिले के एनएच-20 के किनारे इन दिनों वाहनों की अवैध पार्किंग की जा रही है. इससे टकरा कर अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं. इसमें कई लोगों की जान भी चलती जाती हैं. बीते 12 महीनों में सड़क किनारे खड़े वाहनों से टकराने के कारण नौ लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 26 लोग घायल हुए हैं. इसके बावजूद केंदुआ बाइपास के पास शहर की तरफ इंट्री वाले सड़क पर क्रेन व वाहन लगे रहते हैं. फोरलेने के सर्विस रोड पर सद्भावना चौक से लेकर अकौना तक कतार में खड़े वाहन दिख जायेंगे. गलत तरीके से खड़े वाहन जानलेवा साबित हो रहे हैंं. कुछ ही दिन पहले ऐसे ही सड़क पर खड़े वाहनों ने दो किशोर युवकों की जान चली गयी थी. इन हादसों में सबसे ज्यादा बाइक सवार शिकार हुए हैं. सबसे ज्यादा, तो अंधेरे में खड़े वाहनों के इंडिकेटर नहीं जलाये जाते और करीब पहुंचने पर बाइक सवारों को संभलने का मौका नहीं मिलता. ज्यादातर हादसे मुख्य मार्गो में होटल-ढाबों के पास हुए हैं. ट्रैफिक इंतजाम पर नहीं है ध्यान ट्रैफिक पुलिस का इस ओर जरा भी ध्यान नहीं है. ट्रैफिक नियमों के मुताबिक कोई भी वाहन मुख्य मार्ग से 52 फुट दूर खड़ा करने की इजाजत है, लेकिन शहर ही नहीं, जिले में कहीं इस नियम पर अमल नहीं होता. ड्राइवर अपनी सुविधा और जगह देखकर गाड़ी खड़ी कर देते हैं. इनके खिलाफ कार्रवाई करना ट्रैफिक पुलिस का काम है. एनएच-20 मार्ग पर ड्राइवर सड़क किनारे भारी वाहनों को खड़ा कर देते हैं. रात के अंधेरे में इससे दुर्घटनाएं होने की संभावना बढ़ जाती है. खड़ी गाड़ियां बनी है दुर्घटना का कारण पिछले 12 महीने के आंकड़ों पर गौर करें, तो जिले के विभिन्न इलाकों में सड़क किनारे खड़े वाहनों से टकराकर नौ लोगों की जान चली गयी. इसी तरह 26 लोग गंभीर रूप से घायल हो गये. पुलिस ने वाहन चालकों के खिलाफ अपराध तो दर्ज होता है, लेकिन इसकी पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए कोई इंतजाम या कार्रवाई नहीं की नतीजा यह कि दुर्घटनाओं का दौर जारी है. चार दिन पहले ही एनएच-20 पर होटल चाहत के पास खड़े ट्रेक्टर से बाइक टकरा गयी. हादसे में बाइक सवार दो युवक की मौके पर ही मौत हो गयी. यह ट्रैक्टर सड़क किनारे खड़ी थी यही हादसे का कारण बना. जिम्मेदार विभाग को ऐसी घटनाओं से कोई लेना-देना ही नहीं है. सर्वाधिक हादसे ढाबों के आसपास व शहर के इंट्री के आसपास वाहनों ट्रैफिक नियम का खुलेआम उल्लंघन देखी जा सकती हैं. यहां पहुंचने वालों में ज्यादातर भारी वाहनों के ड्राइवर होते हैं. बड़ी संख्या में ट्रक व भारी वाहन खड़े रहते हैं. इन वाहनों का आधा हिस्सा सड़क पर होता है. इसके कारण यहां पर सड़क सकरी हो जाती है और यही हादसे की वजह बनता है. सजा का है प्रावधान सड़क किनारे खड़े वाहन से टकराकर अगर किसी की मौत हो जाती है, तो इस मामले में धारा 304ए के तहत कार्रवाई का प्रावधान है. चालक के खिलाफ यह धारा आमतौर पर लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने से किसी की मौत के बाद लगायी जाती है. ट्रैफिक पुलिस के पास इसका भी आंकड़ा नहीं है. ये है नियम सड़क किनारे गाड़ी खड़ी करनी पड़ी तो नेशनल हाइवे पर रोड से 52 फीट दूर पार्किग का नियम है. आमतौर पर जिले या प्रदेश की सड़कों के किनारे कहीं इतनी जगह ही नहीं होती. क्या कहते हैं पदाधिकारी सड़क किनारे लगाये जा रहे वाहनों को कई बार जुर्माना किया गया है. फिर भी ऐसी वाहन जो ट्राफिक नियम के उलंघन या सड़क किनारे खड़ी कर रहे है, तो इन सभी वाहन चालकों या वाहन मालिकों पर कड़ी कर्रवाई की जायेगी. केन्दुआ बायपास पर विशेष पेट्रोलिंग की जायेगी, यदि कोई वाहन सड़क पर खड़ी पाये जाते है, तो उसे नियम के अनुसार दंडित किया जायेगा. ऋषभ राज, ट्रैफिक डीएसपी, नवादा
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