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प्रधान सचिव ने 17 लाभुकों के बीच बांटें 27 लाख के चेक

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ एन विजयलक्ष्मी ने विभागीय पदाधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक

नवादा कार्यालय. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ एन विजयलक्ष्मी ने समाहरणालय स्थित सभागार में विभागीय पदाधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक की. डीएम आशुतोष कुमार वर्मा ने प्रधान सचिव का स्वागत किया. इस दौरान डीएम ने बताया कि 2001 से 2003 तक प्रधान सचिव डॉ एन विजयलक्ष्मी नवादा की डीएम रह चुकी हैं. जिले की परिस्थितियों से भलीभांति परिचित हैं. ये पशु एवं मत्स्य संसाधन के क्षेत्र में तेज गति से विकास के लिए प्रयासरत हैं. प्रधान सचिव ने अधिकारियों से जिले में किये जा रहे विभागीय कार्यों के बारे में जानकारी ली़ साथ ही तालाब निर्माण सहित अन्य कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया़ लाभुकों के बीच 27 लाख का मिला चेक प्रधान सचिव ने मत्स्य से संबंधित लाभुक सरयुग पासवान को पहाड़ी क्षेत्र में तालाब निर्माण के लिए चार लाख 80 हजार 709 रुपये का चेक वितरण किया़ इसी प्रकार पारो देवी को पहाड़ी क्षेत्र तालाब निमार्ण के लिए तीन लाख 72 हजार 545 रूपये, विमला देवी को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत एक लाख 80 हजार रुपये, नागेंद्र चौधरी को विशेष सहायता योजना के तहत तीन लाख 06 हजार 584 रूपये, संजय चौधरी को उन्नत इनपुट योजना के तहत 70 हजार रुपये और विभा कुमारी को उन्नत इनपुट योजना के तहत 50 हजार रुपये को चेक का वितरण किया. इसी तरह कॉन्फेट के तहत बुलबुल देवी, काजल देवी, विपिन कुमार, नारायण यादव एवं रूबी देवी प्रत्येक को 79 हजार 700 रुपये का चेक वितरित किया गया. साथ ही गव्य विकास योजना के तहत उपेंद्र कुमार को 02 लाख 57 हजार 792 रुपये व सुभाष कुमार को 01 लाख 19 हजार 755 रुपये का चेक दिया गया. इसके साथ ही पशुपालन क्षेत्र से संबंधित लाभुक सुमन कुमार समेकित मुर्गी विकास योजना के तहत एक लाख 80 हजार, सोनु कुमार को समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना के तहत एक लाख 27 हजार 600 रुपये, मिथिलेश प्रसाद को समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना के तहत एक लाख 06 हजार 400 रूपये, शब्बा अंजुम को समेकित बकरी एवं भेड़ विकास योजना के तहत 48 हजार 400 रुपये को चेक वितरित किया गया. इस तरह पशु एवं मत्स्य संसाधन से संबंधित कुल 17 लाभुकों को लगभग 27 लाख रुपये का चेक वितरण किया गया. जिले के कार्यों की रखी गयी रिर्पोट डीएम के निर्देश पर विभागीय पदाधिकारियों ने विभिन्न प्रकार के योजनाओं के बारे में अद्यतन रिपोर्ट प्रस्तुत की. पदाधिकारियों ने पशुपालन विभाग के बारे में वृहद रूप से चर्चा की. बताया कि नवादा जिले में कृत्रिम गर्भाधान केंद्र की संख्या-23, प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय की संख्या-37 व राजकीय पशु चिकित्सालय की संख्या- 01 है. वर्ष 2023-24 में 149806 पशुओं की चिकित्सा की गयी, जो कि लक्ष्य का 121.80 प्रतिशत है. वर्ष 2024-25 में सितंबर तक 81050 पशुओं की चिकित्सा की गयी, जो कि लक्ष्य का 131.80 प्रतिशत है. वर्ष 2023-24 में 3163 पशुओं को बंध्याकरण किया गया, जो लक्ष्य का 164.31 प्रतिशत है. 3163 पशुओं को बंध्याकरण किया गया, जो लक्ष्य का 164.31 प्रतिशत है. इसी तरह वर्षवार एंबुलेटरी कैम्प एवं पशु अस्पताल निरीक्षण, टीकाकरण, समेकित बकरी विकास योजना, समेकित मुर्गी विकास योजना आदि के बारे में बताया गया. वित्तीय वर्ष 2023-24 में राजस्व के बारे में दी जानकारी पदाधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में राजस्व में वार्षिक लक्ष्य 17 लाख रुपये था, जिसमें 34.58 (लाख) उपलब्धि जिसका 203.42 प्रतिशत एवं वर्ष 2024-25 में सितम्बर तक वार्षिक लक्ष्य 26.81 लाख रुपये था, जिसमें 26.81 लाख उपलब्धि, जिसका 57.38 प्रतिशत है. मत्स्य उत्पादन में 2024-25 में सितंबर तक वार्षिक लक्ष्य 6.91 हजार टन, जिसमें 4.12 उपलब्धि जिसका 59.62 प्रतिशत है. मत्स्य बीज उत्पादन में 30.75 लाख वार्षिक लक्ष्य सितम्बर तक उपलब्धि 25.95 है. मत्स्य संसाधन में 496 सरकारी तालाब, 360 निजी तालाब, 05 जलाशय, नदी जैसे- सकरी, खुरी, पंचाने, भुसरी, ककोलत, तिलैया एवं धनराजय है. जलाशय अन्तर्गत फुलवरीया, कोलमहादेव, तारकोल, जौब एवं पुरैनी के अद्यतन स्थिति के बारे में बताया गया. इसके अलावा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, मुख्मंत्री तालाब मत्स्य विकास की योजना आदि के बारे में बताया गया. प्रधान सचिव ने मांगे सुझाव प्रधान सचिव ने पदाधिकारियों के सुझाव मांगे. इसमें पदाधिकारियों ने बताया कि कई योजनाओं के विकास में भूमि एवं भवन से संबंधित समस्या उत्पन्न हो रही है. इस संदर्भ में डीएम ने बताया कि भूमि एवं भवन को तीव्रतम गति उपलब्ध कराया जायेगा, ताकि पशु एवं मत्स्य संसाधन के क्षेत्र में नवादा जिला अव्वल रहे. बैठक में एडीएम चंद्रशेखर आजाद, डीडीसी, एसडीओ सदर अखिलेश कुमार, प्रभारी जिला गोपनीय शाखा, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी, उप मत्स्य निदेशक मगध परिक्षेत्र, जिला मत्स्य पदाधिकारी, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी, मत्स्य विकास पदाधिकारी, कनीय अभियंता के साथ-साथ अन्य पदाधिकारी आदि मौजूद थे.

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