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बिहार: मुंगेर के जंगल व पहाड़ नक्सलियों का ठिकाना, राजनीति व हथियार के काले धंधे में पांव पसारने की कोशिश

Bihar Naxal News: मुंगेर में एक तरफ नक्सलियों के खिलाफ जहां लगातार कार्रवाई की जा रही है वहीं रोज नक्सलियों का समूह राजनीति से लेकर हथियारों के अवैध धंधे में अपना पांव पसारने के लिए प्रयासरत है. हाल में हुई दो बड़ी कार्रवाई से जानें इरादे...

बिहार के मुंगेर में नक्सलियों का तांडव अधिक देखने को मिलता रहा है. प्रशासनिक कार्रवाई से यहां नक्सलियों पर बहुत हद तक लगाम लगाया जा सका है लेकिन नक्सली हर समय अपनी तैयारी तेज करने की फिराक में रहते हैं. हाल में ही मुखिया हत्याकांड में लिप्त हार्डकोर महिला नक्सली कारी देवी को गिरफ्तार किया गया था जो राजनीति में अपनी पैठ बनाने के लिए लगातार प्रयासरत रही. वहीं नक्सलियों के संरक्षण में चल रहे मिनी गन फैक्ट्री का भी खुलासा हुआ जो प्रशासन के लिए एक चुनौती है.

राजनीति से लेकर हथियारों के अवैध धंधे तक में सक्रिय

मुंगेर में नक्सली राजनीति से लेकर हथियारों के अवैध धंधे तक में अपना पांव पसारना चाहते हैं. इसका ताजा उदाहरण हाल में गिरफ्तार हुई हार्डकोर नक्सली और बरियारपुर थानाक्षेत्र के ऋषिकुंड पहाड़ के करीब सकरगलिया पहाड़ से मिले मिनी गन फैक्ट्री से पता चलता है.

नक्सली कारी देवी और राजनीति  

मुंगेर पुलिस एवं एसटीएफ जमालपुर ने मंगलवार को नक्सली कारी देवी को जाल बिछाकर गिरफ्तार किया था. कारी देवी मुखिया चुनाव हारने के बाद इस कदर बौखलाई हुइ थी कि जीत दर्ज करने वाले मुखिया की गला रेतकर हत्या करवा दी गयी और उसकी बड़ी भूमिका इसमें थी. उपचुनाव में वो मैदान में उतरने की तैयारी में थी.

दो मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन

उधर बरियारपुर थाना क्षेत्र के ऋषिकुंड पहाड़ से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर नक्सल प्रभावित सकरगलिया पहाड़ पर छापेमारी कर पुलिस ने दो मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन बुधवार को किया. मौके पर से एक हथियार निर्माता को गिरफ्तार किया गया. जबकि कुछ हथियार निर्माता पहाड़ व जंगल का फायदा उठा कर भाग गये. पुलिस ने मौके से दो अर्धनिर्मित पिस्टल, पांच कारतूस, दो बेस मशीन सहित भारी मात्रा में हथियार बनाने का उपकरण बरामद किया है.

नक्सलियों के संरक्षण में चल रहा था मिनी गन फैक्ट्री

बताया जाता है कि ऋषिकुंड एवं आस-पास का क्षेत्र नक्सल प्रभावित है. जहां बिना नक्सलियों की अनुमति के कोई कार्य नहीं होता है. पहाड़ तोड़ने से लेकर लकड़ी काटने तक में नक्सली संगठन लेवी वसूल कर रहा है. यहां हथियारों का निर्माण भी नक्सली कराता है. हथियार कारोबारी से हथियार, कारतूस के साथ ही बंधी-बंधायी रकम भी वसूल किया जाता है. समय-समय पर इसका खुलासा होता रहा है. नक्सलियों के संरक्षण में हथियार निर्माण का कारोबार यहां संचालित हो रहा था.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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