जदयू नेता को सिर धड़ से अलग करने की मिली धमकी, नक्सलियों ने बिहार-झारखंड बंद करने का भी गिराया पर्चा
बिहार में नक्सलियों ने दो अलग-अलग जिलों में पोस्टर और पर्चे के द्वारा चेतावनी दी है. गया में पर्चा गिराकर पुलिस के मुखबिरों को चेतावनी दी और बिहार-झारखंड बंद का आह्वान किया है. जबकि औरंगाबाद में जदयू के एक नेता को धमकी दी गयी है. सिर को धड़ से अलग करने की धमकी दी गयी.
Bihar Naxalite News: बिहार में एक तरफ जहां नक्सली कनेक्शन को लेकर गया, औरंगाबाद, कैमूर, रोहतास और सारण में डेढ़ दर्जन से अधिक ठिकानों पर हाल में ही एनआइए ने छापेमारी की है तो वहीं दूसरी ओर नक्सली संगठन के नाम से गिरे दो पर्चे इन दिनों सुर्खियों में बने हैं. दोनों अलग-अलग मामले से जुड़े हैं. गया के डुमरिया में नक्सलियों ने एक पर्चा गिराया है जिसमें 30 नवंबर को बिहार-झारखंड बंद का आह्वान किया गया है. संगठन के रीजनल कमेटी का नाम सामने आया है. पर्चा गिराये जाने से इस इलाके में इन दिनों भय का माहौल बन गया है. जबकि एक अन्य मामले में जदयू नेता को हत्या की धमकी मिली है. नक्सलियों के नाम से औरंगाबाद के देव थाना क्षेत्र में युवा जदयू के प्रखंड अध्यक्ष को पोस्टर के माध्यम से धमकी मिली है. जदयू नेता को सिर धड़ से अलग कर देने की चेतावनी दी गयी है.
जदयू नेता को हत्या की मिली धमकी
औरंगाबाद जिले के देव थाना क्षेत्र के सरब बिगहा गांव निवासी रूपेश कुमार को नक्सल पोस्टर के माध्यम से धमकी दी गयी है. रूपेश युवा जदयू के प्रखंड अध्यक्ष हैं. उनके घर के समीप धमकी भरा एक पोस्टर भी मिला है, जिसे पुलिस ने बरामद किया है और उसकी जांच कर रही है. पोस्टर को देखने से पता चलता है कि इसी तरह का पोस्टर माओवादी संगठन भाकपा माओवादी द्वारा पूर्व में चिपकाया जाता था. लाल व हरे रंग की स्याही से लिखे पोस्टर में रूपेश कुमार उर्फ रूपेश चौधरी को धमकी दी गयी है. कहा गया है कि तुम जिसका बटाई खेत जोतते व बुनते हो उसे बंद करों. खेत पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. अगर जरा सी चलाकी की तो सिर धर से अलग कर दिया जायेगा. यही नहीं घर, ट्रैक्टर और तुम्हे उड़ा दिया जायेगा. पोस्टर के माध्यम से उसे जल्द मिलने की नसीहत भी दी गयी है. इधर, पोस्टर से इलाके में हड़कंप है तो रूपेश का परिवार भी डरा हुआ है. हालांकि, देव थाने की पुलिस इसे जमीन विवाद के मामले से देख रही है. वैसे घटना की सूचना पर पुलिस ने सरब बिगहा पहुंचकर मामले की छानबीन की. प्रभारी थानाध्यक्ष ने बताया कि पोस्टर की जांच की जा रही है. प्रथम दृष्टया मामला जमीन विवाद का दिख रहा है. दोनों पक्षों को थाना बुलाया गया है.
Also Read: बिहार: रेल यात्रियों से टीटीई कर रहे अवैध वसूली, महिला टिकट दलाल भी सक्रिय, मजबूरी का उठा रहे नाजायज फायदा
बिहार-झारखंड बंद के लिए गिराया पर्चा
वहीं नक्सली संगठन भाकपा-माओवादी ने गया जिले के डुमरिया क्षेत्र में हाथ से लिखे हुए पर्चा को गिराकर अपनी उपस्थित फिर कायम की है. पर्चे में 30 नवंबर को बिहार-झारखंड बंद का आह्वान किया गया है. हालांकि, पर्चे में क्षेत्र का स्पष्ट रूप से जिक्र नहीं किया गया है, पर रिजनल कमेटी का नाम सामने आने पर इसे बिहार-झारखंड बंद के रूप में देखा जा रहा है. इधर पर्चा गिराये जाने से क्षेत्र में भय का महौल कायम हो गया है. जानकारी के अनुसार, रविवार की रात नक्सलियों ने मैगरा थाना क्षेत्र के चंदरिया मोड़ से उत्तर की ओर महेश धान गांव जानेवाली सड़क पर पर्चा गिराया. सुबह होते ही पुलिस ने पर्चे को जब्त कर लिया. पर्चे को भाकपा-माओवादी की रीजनल कमेटी के विवेक यादव के द्वारा जारी किया गया है.
मुखबीरों को दी गयी चेतावनी
नक्सलियों के नाम से जो पर्चा गया के डुमरिया में सड़क पर गिराया गया है उसमें पुलिसिया मुखबीरों को चिह्नित कर उन्हें सजा देने की बात भी कही गयी है. पर्चे में लिखा गया है कि पुलिस के लिए काम करनेवालों को चुन-चुन कर मारेंगे, ताकि देखने वालों की रूह कांप जाये. वहीं 30 नवंबर को बंदी का आह्वान भी किया है. पर्चे को पुलिस ने मैगरा व डुमरिया थाने की सीमा चनदिरया मोड़ के समीप से जब्त किया है. हालांकि पुलिस इसपर कुछ बताने से परहेज कर रही है. वहीं इन दो पर्चों अलग-अलग इलाकों में लोगों को भयभीत किया है.