बिहार: मुंगेर में नक्सलियों के डर से शिक्षकों ने स्कूल जाना छोड़ा, एक लेटर की वजह से पसरा सन्नाटा
मुंगेर में तीन हेडमास्टरों से रंगदारी मांगे जाने के बाद अब स्कूलों में सन्नाटा पसरा हुआ है. हवेली खड़गपुर अनुमंडल के टेटियाबंबर प्रखंड के तीन विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को माओवादी के लेटर पैड पर लेवी की मांग की गयी है.
मुंगेर: हवेली खड़गपुर अनुमंडल के टेटियाबंबर प्रखंड के तीन विद्यालय के प्रधानाध्यापकों से माओवादियों के लेटर पैड पर डेढ़-डेढ़ लाख रुपये लेवी मांगने के मामले को पुलिस शरारती व असामाजिक तत्वों की करतूत बता रही है. लेकिन टेटियाबंबर ही नहीं बल्कि खड़गपुर अनुमंडल के शिक्षकों में इसे लेकर दहशत व्याप्त हो गया है. हालांकि यह कोई पहली घटना शिक्षक से लेवी मांगने का नहीं है. खड़गपुर अनुमंडल में पूर्व से ही नक्सली व अपराधी दोनों शिक्षकों के अपहरण कर लेवी वसूली के कार्य में संलिप्त रहे हैं.
तीन हेडमास्टर से मांगी गयी रंगदारी
टेटियाबंबर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय जगतपुरा बरदघट्टा के प्रधानाध्यापक सऊद आलम, मध्य विद्यालय के भलगुड़ी के प्रधानाध्यापक नारद यादव एवं प्राथमिक विद्यालय अरादी तिलकारी के प्रधानाध्यापक विष्णु कुमार से डेढ़-डेढ़ लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई है. तीनों को जमुई-मुंगेर-बांका-भागलपुर जोनल कमेटी भारत की कम्युनिष्ट पार्टी ( माओवादी पार्टी) के लेटर पैड का पीडीएफ बना कर मोबाइल पर भेजा गया. इस मामले में तीन दिन बाद भी पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है. इसके कारण उन तीनों प्रधानाध्यापकों के साथ ही अनुमंडल क्षेत्र के शिक्षकों में दहशत व्याप्त है.
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शिक्षक-शिक्षिकाओं में दहशत, स्कूल में पसरा सन्नाटा
प्रभात खबर की टीम तीनों प्रधानाध्यापकों से बात करने के लिए बुधवार को उनके विद्यालय पर पहुंचा तो वहां सन्नाटा पसरा हुआ था और कहीं विद्यालय को प्यून बंद कर रहा था तो कहीं विद्यालय में ताला लटका मिला. स्थानीय लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जब से लेवी मांगा गया है विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं में दहशत है. प्रधानाध्यापक आते है अथवा नहीं यह किसी को पता नहीं है. पठन-पाठन भी प्रभावित है. आखिर हो भी क्यों नहीं, नक्सलियों के नाम से तो सभी को डर लगता है.
तीन दिन बाद भी पुलिस की कार्रवाई नगन्य
विदित हो कि दो अप्रैल को माओवादियों के लेटर पेड पर तीन प्रधानाध्यापकों से रंगदारी मांगी गयी. इसको लेकर टेटियाबंबर थाना में प्राथमिकी भी दर्ज हो चुकी है. लेकिन पुलिसिया अनुसंधान तीन दिन बाद भी किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सकी है. विदित हो नक्सलियों ने पत्र का पीडीएफ बना शिक्षकों के व्हाट्सएप पर भेजा था. यानी जिस मोबाइल नंबर से भेजा गया था वह नंबर भी पुलिस को पता है. लेकिन पुलिस उक्त मोबाइल नंबर धारक तक नहीं पहुंच सकी है. पुलिस भले ही दावा कर रही है कि यह काम शरारती, असामाजिक एवं अपराधी किस्म के लोगों का है. लेकिन जब तक पुलिस मैसेज करने वाले की गिरफ्तारी नहीं कर लेती तब तक माआवादियों का करतूत नहीं है यह कहना पूरी तरह से गलत है.
कहते हैं पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक जगुनाथरेड्डी जलारेड्डी ने कहा कि शिक्षकों से जो रंगदारी मांगी गयी है. वह नक्सलियों की करतूत नहीं है, बल्कि असामाजिक व शरारती तत्वों की करतूत है. पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर तकनीकी व वैज्ञानिक अनुसंधान शुरू दिया है. एसडीपीओ खड़गपुर के नेतृत्व में पुलिस टीम काम कर रही है. जल्द ही इस मामले में शामिल शरारती व असामाजिक तत्वों की गिरफ्तारी कर घटना का पटाक्षेप कर दिया जायेगा.