अनिकेत त्रिवेदी, पटना. हाल में ही केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार बिहार के छह जिलों से नक्सलवाद का सफाया होने की घोषणा के बाद अब एक बार फिर नक्सली संगठन अपने खो रहे वजूद को बनाने और संगठन को मजबूत करने में जुटे हैं.
वहीं, दूसरी रिपोर्ट यह है कि इनके संगठन के अंदर कई बड़े कंमाडरों का स्थानांतरण दूसरे राज्यों में कर दिया है. इसका विरोध में संगठन के अंदर हो रहा है. ऐसे में इंटेलिजेंस रिपोर्ट है कि नक्सली संगठन एक बड़ी घटना को अंजाम देकर अपने स्थानांतरण को रोकना चाहते हैं.
सूत्रों की मानें तो नक्सली संगठन में कई क्षेत्रों के उनके कमांडर का स्थानांतरण किया गया है. इसमें प्रमुख गया क्षेत्र के नक्सली कमांडर संदीप यादव का स्थानांतरण छत्तीसगढ़ में कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ में उसका प्रोमोशन किया गया है.
सूचना यह है कि संदीप यादव व उसके समर्थक इसका विरोध कर रहे हैं. ऐसे में बड़ी घटना को अंजाम देकर एक बार फिर अपने स्थापित करने की कोशिश में हैं. इसके अलावा जमुई व सीमांचल क्षेत्र के संगठन प्रमुख राणा, परवेज, बालेश्वर कोड़ा आदि संगठन के लोगों को भी संगठन मजबूत करने की जिम्मेदारी मिली है.
जून में अायी गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में छह जिले नक्सल प्रभावित क्षेत्र से मुक्त को चुके हैं. अब औरंगाबाद, बांका, गया, जमुई, कैमूर, लखीसराय, मुंगेर, नवादा, रोहतास और पश्चिमी चंपारण नक्सलवाद से प्रभावित रह गये हैं.
इन दस जिलों में राज्य के तीन जिले गया, जमुई और लखीसराय अत्यधिक प्रभावित बताये गये हैं, जबकि औरंगाबाद जिले पर गंभीर होने की बात कही गयी है. वहीं, अरवल, पूर्वी चंपारण, जहानाबाद, मुजफ्फरपुर, वैशाली और नालंदा को इससे मुक्त घोषित कर दिया गया है.
बिहार एसटीएफ की कार्रवाई व छापेमारी में बीते पांच माह में लगभग 15 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, बीते 16 मार्च को गया के डुमरियां में एसटीएफ मुठभेड़ में चार नक्सली मारे भी गये हैं. एक महिला नक्सली भी गिरफ्तार की गयी है.
इसके अलावा रविवार को भी बिहार एसटीएफ ने वांछित नक्सली रवि साह को लखीसराय के कजरा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया. इस पर यूपीए एक्ट और कई संगीन मामलों में मामले दर्ज हैं.
Posted by Ashish Jha