गया/डुमरिया. इन दिनों त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का हर जगह शोर है. जिले के 24 प्रखंड क्षेत्रों में हर चरण में दो से तीन प्रखंडों में चुनाव की प्रक्रिया करायी जा रही है. अति नक्सल प्रभावित डुमरिया प्रखंड क्षेत्र में 24 नवंबर को मतदान होना है, जिसके लिए नामांकन प्रक्रिया जारी है.
इस बीच नक्सली संगठन भाकपा-माओवादी द्वारा रविवार को क्षेत्र के मैगरा थानांतर्गत पिपरवार मोड़ व हेसरा पहाड़ी पर चुनाव बहिष्कार संबंधी स्लोगन के साथ पर्चा गिराये जाने से आसपास के लोगों में दहशत है.
पर्चे में चेताया गया है कि वोट दिलाने के नाम पर दलाली करनेवाले व विकास के बाधक तत्व सावधान रहें, अन्यथा संगठन उन्हें सजा देगी. इससे न केवल जनता, बल्कि प्रत्याशी भी इसलिए दहशतजदा हैं कि पूर्व में नक्सली संगठन द्वारा चुनाव या फिर चुनाव परिणाम बाद चिह्नित लोगों की हत्या कर दी गयी थी या फिर कड़ी सजा दी गयी थी.
वहीं, इस संबंध में मैगरा थानाध्यक्ष का कहना था कि गिराया गया एक पर्चा पुराना है, जबकि दूसरा नया. उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान जिला मुख्यालय से पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती होगी. चुनाव शांतिपूर्ण माहौल में ही होगा. पुलिस सतर्क है और नक्सलियों की गतिविधि को भांप कर मुकाबला करने को तैयार है.
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–वर्ष 2001- सेवरा पंचायत के कसियाडीह निवासी पूर्व मुखिया श्याम नारायण सिंह उर्फ गुलजार सिंह की हत्या.
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–20 जनवरी 2005- विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्व सांसद लोजपा प्रत्याशी राजेश कुमार, उनके दो अंगरक्षकों, एक चालक व एक समर्थक की हत्या.
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–22 जून 2011- सेवरा पंचायत के पूर्व मुखिया व मुखिया पति अरविंद कुमार सिंह की हत्या.
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–25 मई 2016- पंचायत चुनाव के दौरान काचर पंचायत के मुखिया पति, पूर्व उप प्रखंड प्रमुख सह लोजपा के प्रखंड अध्यक्ष रहे सुदेश पासवान व उनके चचेरे भाई सुनील पासवान की हत्या.
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–27 अगस्त 2020- नारायणपुर पंचायत के हरनी गांव के ईंट भट्ठा संचालक महेंद्र यादव व उनके एक सहयोगी की हत्या.
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–15 नवंबर 2020- डुमरिया थाना क्षेत्र के बोदी बिगहा गांव में पूर्व विधान पार्षद अनुज कुमार सिंह के घर को नक्सलियों ने विस्फोट कर ध्वस्त कर दिया था.
Posted by Ashish Jha