बिहार के गया में एक बार फिर से नक्सली संगठन भाकपा-माओवादी ने धमकी भरा पोस्टर चिपका कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. नक्सलियों ने पोस्टर के माध्यम से संवेदक को पुल निर्माण कार्य बंद करने का फरमान सुनाया है. जिस पुल पर नक्सलियों ने रोक लगाया है, वह डुमरिया-पटना स्टेट हाइवे 69 पर बांकेबाजार थाना क्षेत्र के भलुहार गांव के नजदीक मंडावर नदी पर बन रहा है. नक्सलियों ने इसी पुल की दीवार पर पोस्टर लगाया है.
परियोजना के रुकने का ग्रामीणों को सताने लगा डर
पुल निर्माण स्थल से भाकपा-माओवादियों के द्वारा लिखे गए दो पोस्टर मिलने के बाद से क्षेत्र के लोगों में हड़कंप मच गया है. ग्रामीणों को यह चिंता सताने लगी है कि अब यह पुल निश्चित तौर पर अधर में लटक जायेगा, क्योंकि इस क्षेत्र में किसी भी परियोजना पर अगर नक्सलियों की रोक लग जाती है तो वर्षों तक परियोजना अधर में लटक जाती है.
पुल निर्माण कार्य बंद करने का नक्सलियों ने जारी किया फरमान
घटना स्थल पर बरामद पोस्टर के माध्यम से नक्सलियों ने कहा है कि ठेकेदार, मुंशी को सूचित किया जाता है कि पुल निर्माण कार्य बंद करो. काम बंद नहीं करने के बाद कुछ क्षति होगी तो संगठन उसका जिम्मेदार नहीं होगा. उन्हें खुद होना पड़ेगा. पार्टी के बिना आदेश से काम करने वाले मुंशी, ठेकेदार, बिचौलिया को छोड़ा नहीं जायेगा सहित अन्य बातें पोस्टर के माध्यम से संबंधित लोगों को आगाह किया है.
प्रशासनिक सुरक्षा मिलने पर होगा कार्य
पोस्टर की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन ने घटनास्थल पर आकर पोस्टर को जब्त करते हुए आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. इधर, पुल निर्माण के संवेदक सत्येंद्र कुमार यादव ने बताया कि नक्सली अगर काम में रुकावट डालते हैं तो परियोजना लंबित हो जायेगी. यदि प्रशासन सुरक्षा देता है तो निर्माण कार्य कराया जायेगा.
लिखित आवेदन मिलने पर होगी कार्रवाई
इस संबंध में बांकेबाजार थानाध्यक्ष विकास चंद्र ने बताया कि पोस्टर के मामले में संवेदक द्वारा थाने में अब तक लिखित आवेदन नहीं दिया गया है. आवेदन मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
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गौरतलब है कि गया जिले के विभिन्न इलाकों में आए दिन नक्सलियों के ऐसे पोस्टर मिलते रहते हैं. हालांकि, कई बार ऐसा भी दावा किया जाता रहा है कि यह करतूत असामाजिक तत्वों द्वारा की गई है. पिछले महीने भी ऐसा ही एक नक्सली पोस्टर मिला था. वहीं इस बार पोस्टर मिलने के बाद पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. अब यह जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि यह पोस्टर नक्सलियों द्वारा चिपकाया गया है या नक्सली संगठन द्वारा.
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