नक्सल संगठन में महिला कामरेड प्रताड़ित हो रही हैं. लगातार भेदभाव और विभिन्न तरह की प्रताड़ना का शिकार होती महिला नक्सलियों की स्थिति बयान करनेवाली एक चिट्ठी सामने आयी है. पत्र में गिरफ्तार महिला नक्सली रेणुका उर्फ रेणु ने प्रताड़ना का मुद्दा उठाया है. इसमें लिखा है कि माओवादी संगठन में महिलाओं के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता है. महिलाओं की दैनिक मुश्किलों की तरफ भी ध्यान नहीं दिया जाता. पीरियड्स के दौरान सेनिटरी नैपकिन उपलब्ध नहीं कराया जाता. एक ही वर्दी में उन्हें कई-कई दिन गुजारने पड़ते हैं. बंदूकों के अलावा वजनी सामान भी महिला नक्सलियों के सिर पर रख दिया जाता है. इसका विरोध बीच-बीच में महिला कैडर करती हैं. इसी तरह का विरोध रेणुका ने भी किया था. इसके बाद नक्सलियों ने 15 दिन पहले बिहार-झारखंड सीमा पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलायी थी. उसी में हिस्सा लेकर वह देवघर के रास्ते लौट रही थी. इसी दौरान वह पकड़ी गयी.
कई महिला कैडरों ने छोड़ा संगठन
माओवादियों को प्रेम व संतान पैदा करने की इजाजत नहीं होती. इसके कारण झारखंड-बिहार-आंध्र प्रदेश में भी कई स्तरों पर माओवादी अलग-थलग होते जा रहे हैं. कई महिला कैडरों ने साथ छोड़ कर अपनी अलग दुनिया बसा ली. रेणुका ने पार्टी के अंदर लैंगिक समानता व विशेष अधिकार देने की वकालत भी की थी. उसने कहा था कि नक्सलियों के बड़े पद पर महिलाओं को क्यों नहीं चयनित किया जाता है. महिला अधिकार को लेकर रेणुका ने संगठन के अंदर आवाज बुलंद तो की थी. लेकिन इस क्रम में उन्हें अपमानित किया गया. विरोध करते हुए कुछ कैडरों व पार्टी के कुछ नेताओं ने मानवीय सम्मान पर हमला किया. हालांकि इस पत्र की सत्यता की पुष्टि प्रभात खबर नहीं करता है.
अलग-अलग तरह से महिला कैडर को किया जाता है प्रताड़ित
चार पन्नों का यह पत्र दादा उपनाम वाले किसी नक्सली द्वारा रेणुका को लिखा गया है. उक्त पत्र में यह आश्वासन दिया गया है कि जो भी आरोप रेणुका द्वारा लगाये गये हैं, नक्सल संगठन द्वारा कमेटी बनाकर उसकी जांच करायी जायेगी. पत्र के दूसरे पेज पर यह लिखा हुआ है नक्सल संगठन में भी पुरुष सत्तात्मक आचार आचरण का बोलबाला है. जब महिला कामरेड संतरी ड्यूटी में रहती है, उस समय वहां पर विभिन्न बहाने से जाने, चलते-फिरते बैठते समय महिला कामरेड के शरीर से शरीर सटाना, महिला कामरेड के पिट्ठू अथवा थैले में हाथ डालकर सामान आदि देखना ऐसा ही मामला है. पत्र में नक्सली दादा द्वारा रेणुका को साहस के साथ महिला नक्सली के समस्याओं के बाबत पत्र लिखने के लिए बधाई भी दी गयी है. साथ ही यह भी कहा गया है कि संगठन में भी इसके लिए लगातार संघर्ष करते रहने की आवश्यकता है.
पहले भी कई महिला नक्सली कर चुकी हैं शिकायत
पूर्व में भी रीना कोड़ा नामक एक नक्सली ने भी पत्र लिख कर दस्ते के अंदर महिला नक्सली के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के बारे में सवाल उठाया था. पुलिस ने हाल ही में मुंगेर जिले के लड़ैयाटांड़ थाना अंतर्गत सरांदी गांव निवासी नक्सली रेणुका को गिरफ्तार किया था. 50 हजार की इनामी नक्सली रेणुका पर विभिन्न थाना में कुल 19 मामले दर्ज हैं. उसकी गिरफ्तारी के बाद ही यह पत्र उसके पास से बरामद किया गया है.
क्या कहते हैं अधिकारी
गिरफ्तार नक्सली रेणुका के पास से एक पत्र बरामद किया गया है. इसमें उसने महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार के बारे में नक्सली प्रवेश को एक पत्र लिखा था और यह उसका जवाब है. नक्सल संगठन में लगातार ऐसी बातें सामने आती रहती हैं, जहां महिला कामरेड के साथ अत्याचार किया जाता है.
ओंकार नाथ सिंह, एएसपी
रिपोर्ट: गुलशन कश्यप, जमुई.