सासाराम-बिक्रमगंज अनुमंडल कार्यालय में 4 करोड़ के गबन का आरोपी नाजिर पटना से गिरफ्तार, कई महीनों से था फरार
सासाराम और बिक्रमगंज अनुमंडल कार्यालय में चार करोड़ रुपये के गबन का खुलासा उस समय हुआ था, जब बिक्रमगंज के एक व्यक्ति का करीब 20 लाख रुपये का चेक बाउंस के केस में पुलिस ने नाजिर को सासाराम अनुमंडल कार्यालय के सामने से 2022 में गिरफ्तार किया था.
सासाराम और बिक्रमगंज अनुमंडल कार्यालय में करीब चार करोड़ रुपये के गबन के मामले में फरार चल रहे निवर्तमान नाजिर ओम प्रकाश सिंह को सासाराम नगर थाना की पुलिस ने पटना जंक्शन से मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार नाजिर को लेकर बुधवार को पुलिस सासाराम पहुंची. जहां स्वास्थ्य जांच के बाद न्यायालय में नाजिर को प्रस्तुत किया गया, जिसे न्यायालय ने जेल भेज दिया.
चेक बाउंस मामले में गिरफ्तारी के बाद गबन का हुआ था खुलासा
प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों अनुमंडल कार्यालयों में इतनी बड़ी रकम का खुलासा उस समय हुआ था, जब बिक्रमगंज के एक व्यक्ति का करीब 20 लाख रुपये का चेक बाउंस के केस में पुलिस ने नाजिर को सासाराम अनुमंडल कार्यालय के सामने से 2022 में गिरफ्तार किया था. उसके जेल जाने पर जिलाधिकारी के निर्देश पर अनुमंडल कार्यालय में प्रभार देने के लिए इन्वेंटरी बनाने के लिए कमेटी का गठन किया गया था. इन्वेंटरी बनाने के समय सासाराम अनुमंडल कार्यालय में करीब 2.16 करोड़ रुपये गबन का मामला उजागर हुआ था. इसी के साथ ही बिक्रमगंज अनुमंडल में जांच हुई, तो वहां करीब 1.83 करोड़ रुपये के गबन का खुलासा हुआ.
पटना से हुआ गिरफ्तार
जानकार बताते हैं कि चेक बाउंस मामले में गिरफ्तारी के बाद ओम प्रकाश सिंह जमानत पर बाहर आया था. लेकिन, कार्यालय नहीं पहुंचा. इस बीच पांच दिसंबर 2022 को अनुमंडल पदाधिकारी सासाराम ने नगर थाना में नाजिर के विरुद्ध गबन की प्राथमिकी दर्ज करा दी थी. तब से ओम प्रकाश सिंह फरार चल रहा था, जिसे पुलिस ने पटना जंक्शन से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के पुष्टि करते हुए एसपी विनीत कुमार ने बताया कि पटना जंक्शन से ओम प्रकाश सिंह की गिरफ्तारी हुई है. नगर थाना की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर सासाराम लायी है. जिसे कोर्ट के आदेश पर जेल भेजा गया है.
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वाहन नीलामी व बाजार समिति के रुपयों का हुआ है गबन
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार छह जुलाई 2021 को ओम प्रकाश सिंह सासाराम अनुमंडल कार्यालय में बतौर नाजीर योगदान किया था. इससे पहले वह बिक्रमगंज अनुमंडल कार्यालय में नाजीर के पद पर रहा था. छह जुलाई 2021 से लेकर अक्तूबर 2022 के बीच ओम प्रकाश सासाराम अनुमंडल में वाहन नीलामी और बाजार समिति के करीब 2.16 करोड़ रुपये हड़प गया. अधिकांश मामलों में उसने फर्जी चालान लगाया था. जिसका खुलासा कमेटी की जांच से हुआ था. गबन का खुलासा होने पर सदर एसडीओ ने नगर थाना में पांच दिसंबर 2022 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी.