साइबर क्राइम में बिहार 10वें, तो एटीएम फ्रॉड में पटना दूसरे नंबर पर

NCRB figures : एनसीआरबी के आंकड़े के मुताबिक देश के 19 महानगरों में दर्ज होने वाले एटीएम फ्रॉड मामले में पटना दूसरे नंबर पर है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 9, 2020 12:24 PM

विजय सिंह, पटना : एटीएम फ्रॉड से लोगों के खातों को खंगालने के मामले में पटना काफी आगे निकल गया है. एनसीआरबी के आंकड़े के मुताबिक देश के 19 महानगरों में दर्ज होने वाले एटीएम फ्रॉड मामले में पटना दूसरे नंबर पर है. पटना में वर्ष 2019 में 202 मामले एटीएम फ्रॉड के दर्ज हुए थे. जबकि मुंबई 276 कांड के साथ पहले स्थान पर है.

फ्रॉड करने के लिए मुख्य रूप से एटीएम में स्कीमर लगाकर एटीएम कार्ड को स्कैन किया जाता है. जबकि पासवार्ड प्राप्त करने के लिए एटीएम में लगे कैमरे काे साइबर क्रिमिनल यूज करते हैं. इसके बाद बैंक एकाउंट से पैसे गायब करने की प्रक्रिया शुरू होती है. लगातार राजधानी में इस तरह की घटनाएं हो रही हैं.

बिहार में एटीएम फ्राॅड के 792 मामले किये गये दर्ज

एनसीआरबी के मुताबिक बिहार में वर्ष 2019 में साइबर क्राइम के 1050 मामले दर्ज हैं. जबकि कर्नाटक में 12,020 हजार मामले दर्ज हुए हैं. बिहार में आइटी एक्ट के तहत कुल 32 मामले दर्ज हैं, इसमें आॅनलाइन फ्रॉड शामिल है. आइपीसी के तहत बिहार में पिछले वर्ष 1018 मामले दर्ज हैं. साइबर धोखाधड़ी के 1008 मामले बिहार में दर्ज हुए हैं. एटीएम फ्रॉड के 792 मामले पिछले साल पूरे बिहार में दर्ज हुए हैं.

एनसीआरबी ने यह आंकड़ा जारी किया है. लोग एटीएम फ्रॉड को समझ ही नहीं पाते हैं और उनके एकाउंट से पैसे गायब हो जाते हैं. लगातार यह घटना हो रही है, लेकिन इनका निराकरण नहीं हो पा रहा है. हकीकत यह है कि साइबर से जुड़े मामले में थाने एफआइआर ही नहीं लेते हैं, बहुत कम मामलों में साइबर सेल पैसा वापस दिला पाता है. आंकड़े के मुताबिक पिछले वर्ष बिहार में ऑनलाइन फ्राॅड के 24 मामले, ओटीपी भेजकर फ्रॉड के 20 मामले दर्ज हुए हैं. धोखाधड़ी की मंशा के तहत साइबर ठगी के 844 मामले दर्ज किये गये हैं.

पेटीएम का फर्जी अकाउंट बनाकर हजारों ठगे

पटना. ऑनलाइन सामान बिक्री की फर्जी वेबसाइट बनाकर पेटीएम के माध्यम से ठगी करने का मामला सामने आया है. मामला पीरबहोर थाना क्षेत्र का है. पुलिस को दिये शिकायत पत्र में पीड़ित रत्नेश कुमार ने बताया कि हीपकार्ड नामक वेबसाइट पर 3349 रुपये का मोबाइल बुक किया. वेबसाइट की ओर से दिये गये पेटीएम नंबर पर जब रुपये डाला तो वह रुपये किसी अन्य व्यक्ति के पर्सनल एकाउंट रुपये चला गया. फर्जी वेबसाइट बनाकर रुपये ठगने वाले वेबसाइट धारक के खिलाफ पीड़ित ने शिकायत दर्ज करायी है.

Posted by Ashish Jha

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