Bihar Shikshak Bahali latest news : राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस- NIOS ) से 18 माह का डीएलएड कोर्स ( D.El.Ed ) करने वाले शिक्षक अभ्यर्थियों को भी अब प्रारंभिक शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया में शामिल होने के लिए हरी झंड़ी मिल गई है.जिसके बाद अब वो सभी शिक्षक भी प्रारंभिक शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे जिनकी डीएलएड कोर्स को इसके लिए अमान्य करार दिया गया था.
डीएलएड कोर्स किए शिक्षकों ने भी दिया था आवेदन :
दरअसल, बिहार में पिछले साल 2019 में 94 हजार प्रारंभिक शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया शुरू हुई थी. जो इस साल जुलाई से शुरू होने वाली है. जिसमें शामिल होने के लिए डीएलएड कोर्स किए शिक्षकों ने भी आवेदन दिया था. इस कोर्स को करने के बाद वो शिक्षक निजी स्कूलों में फिलहाल पढ़ा रहे हैं. डीएलएड राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस- NIOS ) से 18 माह का किया जाने वाला कोर्स है.
एनसीटीई ने बताया था अमान्य :
इन डीएलएड वाले शिक्षकों के आवेदन आने के बाद राज्य सरकार ने शिक्षकों की पात्रता निर्धारित करने वाली संस्था राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से यह पूछा था कि क्या ये शिक्षक इस बहाली में शामिल हो सकते हैं. जिसपर एनसीटीई ने अपने जवाब में डीएलएड कोर्स को इस बहाली के लिए अमान्य करार दे दिया था. एनसीटीई के इस निर्णय पर प्राइवेट स्कूलों में पढ़ा रहे डीएलएड योग्यताधारी शिक्षकों ने आपत्ती जताई थी और एनसीटीई के इस निर्णय को पटना उच्च न्यायालय में चुनौती दे दी थी.
पटना उच्च न्यायालय ने एनसीटीई के पात्रता नियमों को गलत बताया :
इस बीच पटना उच्च न्यायालय ने एनसीटीई के पात्रता नियमों को गलत बताया और इन सभी डीएलएड योग्यताधारी शिक्षकों को शिक्षक भर्ती परिक्षा में शामिल होने के लिए योग्य करार दिया. जिसके बाद अब राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस- NIOS ) से 18 माह का डीएलएड कोर्स ( DElEd ) करने वाले शिक्षक अभ्यर्थी भी 94 हजार प्रारंभिक शिक्षकों की बहाली में शामिल हो पाएंगे.
लाखों अप्रशिक्षित शिक्षकों को किया गया था प्रशिक्षित :
बता दें कि 18 महीने के डीएलएड कार्यक्रम के जरिए लाखों अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए आयोजित किया गया था. एनआईओएस के द्वारा करीब 14 लाख शिक्षकों को यह कोर्स कराया था. इस कोर्स के लिए संसद में कानून पारित कर विशेष रूप से मंजूरी ली गई थी.
मानव संसाधन विकास मंत्री ने दी जानकारी :
हाल में ही केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट के जरिए भी इस बात की जानकारी दी है कि NCTE ने पटना उच्च न्यायालय के इस फैसले को स्वीकार किया है और बिहार सरकार के एसीएस (शिक्षा) को इस आशय में पत्र लिखा गया है. उन्होंने कहा कि इस निर्णय के बाद D.El.Ed डिप्लोमा धारक अब स्कूल के शिक्षक के पद के लिए आवेदन कर सकेंगे.
माननीय पटना उच्च न्यायालय ने NIOS और किसी अन्य NCTE मान्यता प्राप्त संस्थान के माध्यम से किए गए D.El.Ed पाठ्यक्रम के बीच रोजगार के उद्देश्यों के लिए समकक्षता बनाए रखने हेतु जो निर्णय दिया, न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हुए NCTE ने इस फैसले को स्वीकार कर लिया है। pic.twitter.com/lgad61hNyL
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) May 20, 2020