शीतकालीन सत्र: बिहार विधानमंडल में आखिरी दिन भी हंगामा, जीतनराम मांझी NDA के नेताओं के साथ धरने पर बैठे
बिहार विधानमंडल में शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन विपक्षी दलों ने हंगामा किया. सदन के अंदर और बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया.
बिहार विधानमंडल परिसर में शुक्रवार को एनडीए के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. पूर्व मुख्यमंत्री व हम पार्टी के नेता जीतनराम मांझी धरने पर बैठ गए. उनके साथ भाजपा नेताओं ने भी धरना दिया. गुरुवार को सदन के अंदर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के ऊपर हमला बोला गया था. उनके बयान के विरोध में जीतनराम मांझी ने शुक्रवार को धरना दिया. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा भी धरने पर बैठे. नारेबाजी व विरोध के बीच विधान परिषद की कार्यवाही शुरू की गयी. दोनों सदनों में विपक्षी दलों के नेताओं ने नारेबाजी की है.
सत्र का आखिरी दिन भी हंगामेदार
बिहार विधानमंडल में शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन भी हंगामेदार रहा. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही एनडीए की ओर से प्रदर्शन शुरू कर दिया गया. गुरुवार को सदन में पूर्व सीएम जीतनराम मांझी का मुद्दा गरमाया रहा था. यह मुद्दा शुक्रवार को भी सदन की कार्यवाही शुरू होते ही गरमा गया. जीतनराम मांझी सदन के बाहर धरने पर बैठ गए. उनके साथ भाजपा के भी कई नेता धरने पर बैठे.
Also Read: ‘जब तक गार्ड पोजिशन लेगा, हम घोलट जाएंगे..’ जदयू विधायक गोपाल मंडल ने हथियार साथ रखने की बतायी ये वजह..
जीतनराम मांझी को लेकर गरमायी राजनीति
सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो जीतनराम मांझी के लिए नीतीश कुमार के द्वारा दिए गए बयान पर राजनीति गरमायी. भाजपा समेत एनडीए के नेता पोस्टर लेकर सदन में नारेबाजी करने लगे. जिसके बाद मार्शल को निर्देश दिया गया कि तमाम पोस्टर ले लिए जाएं. वहीं हंगामे के बीच विधानपरिषद की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए और विधानसभा की कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. वहीं सदन की कार्यवाही जब शुरू हुई तो नारेबाजी जारी रही. इस बीच विधान परिषद से भी आरक्षण संशोधन बिल को पास करा लिया गया. आरक्षण का दायरा बढ़ाने के लिए संशोधन वाले बिलों को अब दोनों सदनों से पारित कर दिया गया है. प्रदेश में आरक्षण का दायरा अब 60 प्रतिशत से बढ़कर 75 प्रतिशत होने जा रहा है. इसमें पक्ष और विपक्ष दोनों की ओर से सहमति जतायी गयी है.
हंगामेदार रहा सत्र
बिहार विधानमंडल परिसर में शुक्रवार की सुबह सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी प्रदर्शन किए. सत्ताधारी विधायकों ने पीएम मोदी को निशाने पर लिया. वहीं एक दिन पहले गुरुवार को भी सदन में हंगामा मचा था. भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी की थी. सदन के वेल में आकर भाजपा के विधायकाें ने नारेबाजी की थी. रिपोर्टर की कुर्सी को उठा लिया था और टेबल भी पलटने की कोशिश की थी. लगातार हो रहे इन विरोध प्रदर्शनों के बीच दोनों दलों ने आरक्षण संसोधन बिल काे पारित कराया. बता दें कि इस बार शीतकालीन सत्र 5 दिनों तक चला और पहले दिन ही हंगामा शुरू हो गया जब वामदलों ने इजराइल व फिलीस्तीन के युद्ध का मुद्दा उछाला और गाजा-फिलिस्तीन के समर्थन में नारेबाजी की थी.