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नगर पंचायत अध्यक्ष सर्जना सिद्धि के पति नीलकमल ने जुगाड़ टेक्नोलॉजी से अपनी बाइक को बना डाला फागिंग मशीन

जिले के मुरलीगंज नगर पंचायत में मच्छरों का आतंक बढ़ता जा रहा था ऐसे में बरसों से खड़ा पड़े फागिंग मशीन को कई बार कार्यपालक मूरलीगंज नगर पंचायत एवं मुख्य पार्षद श्वेत कमल उर्फ बौआ यादव द्वारा ठीक करवाने की कवायद की गई पर लॉक डाउन के चलते यह संभव न हो सका ऐसे में मुरलीगंज नगर पंचायत क्षेत्र के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष सर्जना सिद्धि के पति नीलकमल उर्फ पप्लु यादव ने मच्छर पालन केंद्र बन रहे नगर पंचायत को उबारने के लिए अपने जुगाड़ टेक्नोलॉजी द्वारा बना डाला मोटरसाइकिल के साइलेंसर को अपनी सूझबूझ से फागिंग मशीन में तब्दील कर दिया .

By Radheshyam Kushwaha | April 17, 2020 7:25 PM

मधेपुरा : जिले के मुरलीगंज नगर पंचायत में मच्छरों का आतंक बढ़ता जा रहा था ऐसे में बरसों से खड़ा पड़े फागिंग मशीन को कई बार कार्यपालक मूरलीगंज नगर पंचायत एवं मुख्य पार्षद श्वेत कमल उर्फ बौआ यादव द्वारा ठीक करवाने की कवायद की गई पर लॉक डाउन के चलते यह संभव न हो सका ऐसे में मुरलीगंज नगर पंचायत क्षेत्र के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष सर्जना सिद्धि के पति नीलकमल उर्फ पप्लु यादव ने मच्छर पालन केंद्र बन रहे नगर पंचायत को उबारने के लिए अपने जुगाड़ टेक्नोलॉजी द्वारा बना डाला मोटरसाइकिल के साइलेंसर को अपनी सूझबूझ से फागिंग मशीन में तब्दील कर दिया .

मौके पर जानकारी देते हुए नीलकमल ने बताया कि एक तो लोग लॉक डाउन में कोराना के खौफ से घरों में रह रहे हैं दूसरे शहर में गर्मी बढ़ने के साथ-साथ मच्छरों का आतंक भी बढ़ता जा रहा था ऐसे में पुराने खराब पड़े फागिंग मशीन को ठीक करवाना संभव नहीं था हमने नगर पंचायत क्षेत्र की जनता की परेशानी को समझते हुए अपने मोटरसाइकिल के साइलेंसर को फागिंग मशीन में तब्दील करने में कामयाब रहा जिस केमिकल का व्यवहार मच्छरों को भगाने के लिए क्या जाता है उसी का प्रयोग हम करते हैं.

मोटरसाइकिल की सीट के पीछे बैठा व्यक्ति केमिकल को पंप कार साइलेंसर तक पहुंचाता है और वहां से वह धुआ में तब्दील हो जाता है शाम 5:00 बजते हैं हम अपने घर से निकलकर प्रतिदिन इस काम को नगर पंचायत के सभी वार्डों में करते हैं. सायफीनोथ्री डेंगू के मच्छर मारने में कारगर है। इसका इस्तेमाल करने के लिए सही विधि अपनानी चाहिए। मलेरिया के मच्छरों के लिए मेलाथियान कीटनाशक का दोबारा इस्तेमाल किया जा रहा है। जिससे शहर वासियों को मच्छर से और डेंगू के कहर से बचाया जा सके.

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