ललन सिंह को लेकर नीरज बबलू ने किया बड़ा दावा, बोले- भाजपा में आने का रास्ता ढूंढ रहे जदयू अध्यक्ष
जदयू से उपेंद्र कुशवाहा की विदाई के बाद अब सबकी नजर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर है. ललन सिंह को लेकर भाजपा की ओर से दावे शुरू हो गये हैं. पूर्व मंत्री और छातापुर से विधायक नीरज बबलू ने दावा किया है कि उपेंद्र कुशवाहा के बाद अब जदयू से अलग होने का नंबर राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का है.
सहरसा. जदयू से उपेंद्र कुशवाहा की विदाई के बाद अब सबकी नजर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर है. ललन सिंह को लेकर भाजपा की ओर से दावे शुरू हो गये हैं. पूर्व मंत्री और छातापुर से विधायक नीरज बबलू ने दावा किया है कि उपेंद्र कुशवाहा के बाद अब जदयू से अलग होने का नंबर राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का है. बहुत जल्द वो भी नीतीश कुमार का साथ छोड़नेवाले हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने तो 2025 का विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ने की बात कह दी, लेकिन उनके पार्टी के अंदर ही इस बात को स्वीकार करनेवाले लोग नहीं हैं. तेजस्वी यादव का नेतृत्व न तो उपेंद्र कुशवाहा को मंजूर था और ना ही ललन सिंह को ही स्वीकार है. ऐसे में ललन सिंह भाजपा में आने का रास्ता ढूंढ रहे हैं.
तेजस्वी का नेतृत्व स्वीकार करने को कोई तैयार नहीं
मंगलवार को अपने आवास पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए नीरज बबलू ने कहा कि ललन सिंह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. उनको यह कैसे पता नहीं होगा कि उनके नेता क्या बोल रहे हैं. नीतीश कुमार का बयान को इतने हल्के में तो नहीं ले सकता है. नीतीश कुमार तो बयान दे चुके हैं कि 2025 में तेजस्वी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा. ललन सिंह कह रहे हैं कि मैंने कब कहा, 2025 की बात तब की तब देखी जायेगी. इससे स्पष्ट होता है कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है.
पार्टी छोड़कर भाग रहे हैं कद्दावर नेता
भाजपा विधायक ने कहा कि जदयू का हाल बुरा है. वो अपने वजूद को लेकर संघर्ष कर रहा है. पार्टी के कद्दावर नेता एक एक कर पार्टी छोड़कर भाग रहे हैं. आरसीपी सिंह पहले छोड़कर चले गये, उपेन्द्र कुशवाहा ने फिर से अपनी नयी पार्टी बना ली. अब राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी पार्टी से विदा लेने का रास्ता ढूंढ रहे हैं. मैं दावे के साथ कहता हूं कि जदयू के सांसद भाजपा के संपर्क में हैं. ललन सिंह को ऐसा लग रहा होगा कि उनका फिर से पार्लियामेंट में जाना मुश्किल है. जदयू के सांसदों को लगता है कि वे फिर से संसद में नहीं पहुंच पायेगे. ऐसे में ललन सिंह भी भाजपा में जाने का रास्ता ढूंढ रहे हैं.