17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Neet Topper: गांव में रहकर पढ़ाई की, 720 में 720 लाकर बन गए नीट टॉपर

Neet Topper: बीते दिन 4 जून 2024 को नीट यूजी का रिजल्ट जारी कर दिया गया। जिसमें मधुबनी के अंधराढाडी निवासी 'तथागत अवतार' ने नीट के एग्जाम में 720 में से 720 मार्क्स लाकर कमाल कर दिया है। उनकी इस सफलता से उनके परिवार के लोग काफी खुश हैं और गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

Neet Topper: बीते दिन 4 जून 2024 को नीट यूजी का रिजल्ट जारी कर दिया गया। मेडिकल में दाखिला के लिए देश भर के तमाम छात्र नीट का एग्जाम दिए थे। इसी कड़ी में एनटीए ( नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ) द्वारा टॉपर्स की सूची भी जारी कर दी गई है। टॉपर्स में बिहार के चार बच्चे शामिल हैं जिन्हें 720 मार्क्स में पूरा का पूरा 720 मार्क्स मिले हैं।

मधुबनी के अंधराढाडी निवासी ‘तथागत अवतार’ ने नीट के एग्जाम में 720 में से 720 मार्क्स लाकर कमाल कर दिया है। उनकी इस सफलता से उनके परिवार के लोग काफी खुश हैं और गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। साथ हीं उनके नाम की चर्चा भी पूरे इलाके में हो रही है। हालांकि, तथागत का यह दूसरा प्रयास था।

इससे पहले पिछले साल वो नीट का एग्जाम दिए थे जिसमें उन्हें 611 नंबर प्राप्त हुए थे। तथागत अवतार के माता-पिता शिक्षक हैं। वहीं, इसके अलावा उनका बड़ा भाई पंजाब के एक प्रतिष्ठित कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग कर रहा है।

लॉकडाउन में मिला पढ़ने का मौका

तथागत के पिता चंद्र नारायण का कहना है कि लॉकडाउन से पहले तथागत पटना में रहा करते थे लेकिन कोविड काल के दौरान जब स्थिति बदल रही थी तब हमलोगों ने उन्हें घर आने को कहा, वह पटना स्थित एसके चौधरी के पाठशाला से नीट के एग्जाम की तैयारी कर रहे थे। कोविड़ के दौरान वह संस्थान भी पटना से अंधराढ़ाडी पहुंच गया ऐसे में तथागत ने भी गांव आने का फैसला कर लिया और आगे की पढ़ाई गांव से हीं किए।

पिता बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान उन्हें पढ़ने के लिए भरपूर समय मिला। एस के चौधरी के पाठशाला में पढ़ने के साथ-साथ वह ‘फिजिक्स वाला’ के ऑनलाइन क्लास भी ले रहे थे। फिलहाल रिजल्ट के बाद तथागत को ‘फिजिक्स वाला’ के मुख्यालय दिल्ली बुलाया गया है जहां वह अपनी मां के साथ गए हैं।

नानिहाल में बसा है परिवार

तथागत के पिता मूल रूप से मधुबनी जिले के गेहूंमा बेरिया गांव के निवासी हैं। यहीं पर उनके दादा कुशेश्वर कामत रहते हैं लेकिन फिलहाल जिस जगह वो लोग रहा करते हैं वह तथागत के पिता का ननिहाल है। तथागत की माता कविता नारायण एक हाई स्कूल में शिक्षिका हैं। वहीं, उनके पिता मिडिल स्कूल में शिक्षक हैं। तथागत के परिवार के लोग उनकी सफलता से फूले नहीं समा रहे हैं।

जेएन कॉलेज मधुबनी में लाइब्रेरियन रहे नाना अशोक चौधरी का कहना है कि तथागत पर शुरू से ही सबको नाज़ रहा है। आज उनकी सफलता से पूरा परिवार गदगद है। वह हमेशा से एम्स में दाखिला चाहता था अब उसका यह सपना भी पूरा होने वाला है। उनके पिता सफलता का श्रेय परिवार के लोगों के साथ-साथ तथागत के शिक्षको को भी दे रहे हैं जिनके दिशा निर्देश के बिना यह सफलता पाना मुश्किल था।

जानकारी के अभाव में लोग नहीं बन पा रहे डॉक्टर

तथागत का कहना है कि वे देश में डॉक्टरों की कमी देख बहुत से चिंतित रहते हैं. वे बताते हैं कि कई बच्चे जिनके पास मेरिट होती है वह भी मेडिकल की तैयारी पैसों की वजह से नहीं कर पाते हैं, लेकिन सच्चाई इसके विपरित है. आप नीट की तैयारी करते हैं और आपका रैंक बेहतर आता है तो एम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में साढ़े छ: हजार रुपए में ही आपका मेडिकल हो सकता है.

छात्रों को सलाह देते हुए वे कहते हैं कि उन्हें पैसों से ज्यादा अपनी पढ़ाई के बारे में सोचना चाहिए. यदि उनका रैंक बेहतर आएगा तो सरकारी कॉलेज में दाखिला आसानी से हो जाएगा और फिर मेडिकल की फीस बहुत कम लगेगी जिससे देश को अच्छे और बेहतरीन डॉक्टर मिलेंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें