आरा. बिहार के भोजपुर जिले के आरा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए आये मरीजों को बैठने के लिए कोई व्यवस्था नही है. अस्पताल परिसर में मात्र दो बेंच लगा हुआ है. इस दौरान सोमवार को देखा गया कि इलाज के लिए आये मरीजों को फर्श पर बैठाकर उपचार किया जा रहा है और दूसरी ओर एक मरीज फर्श पर लेटा हुआ है. यह हाल अस्पताल प्रबंधन के कुव्यवस्था का पोल खोल रही है. पीएचसी में रोजाना 100 से 200 मरीज इलाज कराने आते है. लेकिन यहां पर व्यवस्था नदारत है. कभी कभार यह देखा गया कि ओपीडी में इलाज के लिए मरीजों की लंबी लाइन लगी हुई रहती है. ऐसे में उन्हे अपनी बारी आने का इंतजार फर्श पर बैठकर ही करना पड़ता है. लिहाजा डर तो इस बात का है कि कोरोना जैसे खतरनाक वायरस के संक्रमण के चपेट में कोई ना आये इसका ख्याल रखा जा रहा है. हर जगह सैनेटाइज किया जा रहा है, लेकिन इधर अस्पताल के फर्श पर ही मरीज बैठने पर विवश है.
महाराष्ट्र से आये लोगों को जांच कराने का निर्देश
उदवंतनगर. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदवंतनगर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ पीपी सिंह के नेतृत्व में डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मियों का दल प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों का दौरा किया तथा महाराष्ट्र से आये लोगों से मिलकर कोरोना के लक्षणों को जानना चाहा. डॉक्टर सिंह तथा डॉ राधिका रमन द्वारा सभी महाराष्ट्र से आये लोगों से कोरोना के विभिन्न लक्षणों के संबंध में पूछताछ की तथा सभी लोगों को आइसोलेशन में रहने की सलाह दी. उन्होंने अविलंब सदर अस्पताल में जाकर कोरोना जांच कराने के लिए निर्देशित किया.
मिली जानकारी के अनुसार रविवार को प्रखंड क्षेत्र के कोहड़ा गांव निवासी राम प्रसाद ओझा, रामाकांत ओझा तथा पवना थाना क्षेत्र के भगवानपुर गांव निवासी प्रमोद कुमार साह, अस्तूरन देवी, प्रिंस कुमार,पवन साह, अविनाश साह कोहड़ा गांव में अपने रिश्तेदार के घर आये थे. वहीं, सूरज कुमार,मनन कुमार, कुंदन कुमार,अटल कुमार भी शनिवार को महाराष्ट्र से एडौरा गांव लौटे थे।उनके महाराष्ट्र से आने की खबर सुनकर गांव वाले आशंकित हो उठे थे. उनके गांव में आने की सूचना आशा फेसिलेटर उर्मिला देवी द्वारा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, उदवंतनगर को दी गयी थी.