पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह लोकसभा चुनाव की तैयारियों का लगातार जायजा ले रहे हैं. इसी क्रम में निर्वाचन कार्यों में गंभीर लापरवाही बरतने पर 363 बीएलओ से शो-कॉज करने का निर्देश दिया है. बीएलओ का जवाब संतोषजनक नहीं रहने पर अनुशासनिक व दंडात्मक कार्रवाई के साथ वेतन भी स्थगित रहेगा. उन्होंने कहा कि बीएलओ निर्वाचन कार्य में रुचि नहीं ले रहे हैं और लापरवाही बरत रहे हैं. साथ ही संबंधित बीएलओ द्वारा आयोग के आदेश का पालन नहीं करना घोर लापरवाही दर्शाता है. उन्होंने कहा कि निर्वाचन कार्यों में किसी भी प्रकार की शिथिलता या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
363 बीएलओ की सूची जारी
निर्वाचक निबंधक पदाधिकारियों की रिपोर्ट पर 363 बीएलओ की सूची जारी की गयी है. जिसमें विधान सभा क्षेत्र बाढ़ – 1, कुम्हरार – 36, पटना साहिब – 19, फतुहा – 39, मनेर – 22, फुलवारी (अजा) – 37, मसौढ़ी (अजा) – 96, पालीगंज – 04 व बिक्रम में 109 बीएलओ शामिल हैं. जिनके खिलाफ लापरवाही का मामला सामने आया है.
25 व 26 नवंबर को विशेष अभियान दिवस का आयोजन किया गया था
डीएम के द्वारा प्रत्येक दिन निर्वाचकों के प्रपत्र – 6, 7 व 8 आवेदन संग्रहण से संबंधित कार्य की समीक्षा की जा रही है. निर्वाचक निबंधन पदाधिकारियों (इआरओ) के द्वारा रिपोर्ट दिया गया कि विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अवधि में कई बीएलओ के द्वारा प्रपत्र – 6, 7 व 8 आवेदन का कलेक्सन रिपोर्ट शून्य है. आगामी लोक सभा चुनाव को लेकर फोटो निर्वाचक सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम तहत 27 अक्तूबर 2023 को निर्वाचक सूची का प्रारूप प्रकाशन किया गया है. नौ दिसंबर तक दावा-आपत्ति प्राप्त किया जा रहा है. फोटो निर्वाचक सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम अंतर्गत 25 व 26 नवंबर को विशेष अभियान दिवस का आयोजन किया गया था.
24 घंटे के अंदर देना है जवाब
डीएम ने 363 बीएलओ के नियंत्री पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को दोषी बीएलओ से स्पष्टीकरण प्राप्त कर 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. यदि बीएलओ का जवाब संतोषजनक नहीं होगा तो प्रावधानों के आलोक में उनके विरुद्ध दंडात्मक एवं अनुशासनिक कार्रवाई की जायेगी. साथ ही स्पष्टीकरण स्वीकृत होने तक उक्त सभी 363 बीएलओ का वेतन भुगतान स्थगित रहेगा.
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अनुशासनिक कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी
डीएम ने कहा कि संबंधित बीएलओ द्वारा निर्वाचन कार्य में रुचि नहीं लेना घोर लापरवाही है. आयोग के निर्देशों के अनुपालन में आपराधिक लापरवाही को भी दर्शाता है. विधिक प्रावधानों के तहत यदि निर्वाचक सूची के पुनरीक्षण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही का आरोप सिद्ध होता है तो निर्वाचन आयोग के द्वारा अनुशासनिक कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी.
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