बिहार में जांच के लिए कलेक्ट किये गये RT-PCR के सैकड़ों सैंपलों को जलाया गया, स्वास्थ्य कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही से आरटीपीसीआर से कोरोना जांच के लिए कलेक्ट किये गये सैंपल की जांच नहीं होने का मामला सामने आया है़ लोगों का कहना है कि काफी दिनों तक सैंपल सदर अस्पताल में पड़ा रहा.
कटिहार. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही से आरटीपीसीआर से कोरोना जांच के लिए कलेक्ट किये गये सैंपल की जांच नहीं होने का मामला सामने आया है़ लोगों का कहना है कि काफी दिनों तक सैंपल सदर अस्पताल में पड़ा रहा. मामला फंसता देख स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने मंगलवार को जांच नहीं कराये गये सभी सैंपलों को जलाकर नष्ट कर दिया. इससे जुड़ी तस्वीर व वीडियो भी वायरल हो रहा है. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है.
इधर, लोगों का आरोप है कि आरटीपीसीआर सैंपलों की जांच नहीं होने का मामला तूल पकड़ते देख स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने मामले को रफा-दफा करने के लिए मंगलवार को सदर अस्पताल के ट्रूनेट लैब के निकट जांच के लिए कलेक्ट किये गये सभी सैंपलों को जलाकर नष्ट कर दिया.
सूत्रों का कहना है कि कर्मचारियों ने स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर मामले को दबाने के लिए ऐसा किया है. सूत्र बताते हैं कि करीब 500 से अधिक सैंपलों की जांच नहीं हो पायी थी. इसे जलाकर नष्ट कर दिया गया.
टूनेट लैब का कचरा जलाया गया : सीएस
सीएस बीएन पांडेय ने कहा कि आरटीपीसीआर जांच के लिए कलेक्ट किये गये सैंपलों को जलाने की बात बेबुनियाद है. मेरे संज्ञान में मामला आने के बाद जांच की. इसमें पाया गया कि वैस्टेज सैंपल जलाये गये हैं. बगल में टूनेट लैब है, उसी का कचरा जलाया गया है.
उन्होंने कहा कि सैंपल आते ही उसी दिन संबंधित लैब में भेज दिया जाता है. सैंपल भेजने के लिए जिले को टारगेट मिला हुआ है. उसी टारगेट को पूरा करने में हमलोगों को काफी परेशानी होती है. ऐसे में सैंपल जलाने की बात सही नहीं है.
जांच हुई, तो 10 दिनों में रिपोर्ट क्यों नहीं आयी
सैंपल दिये लोगों को 10 दिन बाद भी रिपोर्ट नहीं मिली, तो लोग भागदौड़ करने लगे. मंगलवार व बुधवार को सदर अस्पताल कई लोग पहुंचे. आरटीपीसीआर के लिए दिये गये सैंपल की रिपोर्ट की मांग करने लगे. इस दौरान कर्मचारियों ने कोई जवाब नहीं दिया. लोगों में मन में शंका हुई. इनका कहना है कि सैंपल ही नहीं भेजे गये.
Posted by Ashish Jha