आनंद तिवारी, पटना. पटना जिले में डेंगू के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं. हर दिन बड़े सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन डेंगू की मरीजों की संख्या बढ़ रही है. मगर, इस बार अभी तक डेंगू को लेकर थोड़ी राहत की खबर है.
फिलहाल पटना के बड़े सरकारी अस्पतालों में आ रहे डेंगू के मरीजों की रिपोर्ट में प्लेटलेट्स घटने की शिकायत कम आ रही है. लगभग 50% मरीजों में प्लेटलेट्स कम नहीं हो रहा है. जांच के बाद प्लेटलेट्स की संख्या सामान्य आ रही है. कई मरीजों को बुखार भी नहीं आ रहा है. वहीं, डॉक्टरों की मानें तो जिन मरीजों को पहले कोरोना हुआ था, उन्हें डेंगू होने पर लंबे दिनों के बाद ही डेंगू की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है.
इस बार डेंगू के संक्रमण का पैटर्न बदला हुआ है. तेज बुखार के करीब 50% मरीजों में प्लेटलेट्स कम नहीं हो रही हैं. पीएमसीएच में अब तक मिले करीब 50% पॉजिटिव मरीजों की जब जांच हुई तो अधिकांश में प्लेटलेट्स पौने दो लाख निकल रही हैं. ऐसे में डॉक्टर इन मरीजों को भर्ती होने की सलाह नहीं दे रहे हैं. डॉक्टर इनको दवा देने के साथ ही घर पर आराम करने की सलाह दे रहे हैं. इस बार पीएमसीएच के डेंगू वार्ड पूरी तरह से खाली है.
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि पीएमसीएच के पैथोलॉजी में रोजाना डेंगू मरीजों की जांच की जा रही है. राहत की बात यह है कि जितने सैंपल आ रहे हैं उनमें 10 से 20% मरीज ही पॉजिटिव पाये जा रहे हैं. अधिकतर मरीजों की प्लेटलेट्स सामान्य मिल रही है. प्लेटलेट्स सामान्य होने से मरीज को दूसरी गंभीर बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. मरीज शॉक सिंड्रोम में नहीं जाता है. यह राहत की बात है.
कंकड़बाग निवासी पवन कुमार को जोड़ों में दर्द के साथ तेज बुखार आया, तो उन्होंने डेंगू का टेस्ट करवाया. बुखार तेज होने पर वह निजी अस्पताल में भर्ती हो गये. पहले दिन ब्लड रिपोर्ट में प्लेटलेट्स 1.76 लाख दर्ज की गयी. 24 घंटे बाद प्लेटलेट्स 1.65 लाख तक हुई, लेकिन इसके बाद लगातार प्लेटलेट्स इसी संख्या पर बनी रही और इलाज के बाद मरीज पूरी तरह से ठीक हो गया. जबकि डॉक्टरों की मानें तो अमूमन डेंगू के इलाज के दौरान प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम होती है. यह दो से तीन दिन में ही 25 हजार तक पहुंच जाती है.
बेटे के डेंगू पॉजिटिव होने के बाद पिता राजेश कुमार के पैर व जोड़ों में लगातार दर्द होने लगा. राजेंद्र नगर स्थित एक पैथोलॉजी सेंटर में सैंपल दिया तो डेंगू पॉजिटिव पाया गया. ब्लड टेस्ट में पहले दिन प्लेटलेट्स डेढ़ लाख था, जो अगले दिन घटकर 60 हजार और 45 हजार तक पहुंच गया. राजेश कुमार अस्पताल में भर्ती हुए और तीन दिन इलाज के बाद प्लेटलेट्स काउंट बढ़ा. लेकिन उन्हें इस दौरान बुखार नहीं आया था.
गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि दो साल से डेंगू का वायरस कमजोर हुआ है. इस साल तो यह और घातक नहीं साबित हो रहा है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण कोरोना के बाद लोगों में इम्यूनिटी सिस्टम का मजबूत करना, टीका लगाना और साफ-सफाई पर ध्यान देना है.
खून की जांच में टीएलसी का ग्राफ भी सामान्य मिल रहा है. इसके अलावा हो सकता है पटना जिले में मौजूद स्ट्रेन में म्यूटेशन हो रहा है. इस वजह से यह घातक नहीं हो रहा है. जो काफी अच्छे संकेत हैं.
Posted by Ashish Jha