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नेपाल विमान हादसा: बिहार के संजय नवजात भांजे की पहली झलक देखने निकले थे, प्लेन क्रैश में मौत से मचा कोहराम

नेपाल विमान दुर्घटना में बिहार के सीतामढ़ी निवासी संजय जायसवाल की मौत से परिजनों के बीच कोहराम मचा है. संजय हाल में ही मामा बने थे और अपने नवजात भांजे को देखने अपनी बहन के घर पोखरा जा रहे थे. लैंडिंग के ठीक पहले विमान क्रैश कर गया और उनकी मौत हो गयी.

नेपाल विमान दुर्घटना: नेपाल के पोखरा में हुए विमान दुर्घटना में बिहार के सीतामढ़ी निवासी एक युवक संजय जायसवाल(28 वर्ष) की भी दर्दनाक मौत हो गयी. संजय हाल में ही मामा बने थे और अपने नवजात भांजे को देखने के लिए अपनी बहन के घर पोखरा जाने निकले थे. लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था. संजय जिस विमान पर सवार थे वो विमान क्रैश कर गया और संजय की भी मौत उस हादसे में हो गयी.

नवजात भांजे से मिलने जा रहे थे संजय

बैगरनिया नगर पंचायत के वार्ड 6 निवासी राम एकबाल चौधरी के पुत्र संजय पिछले कुछ वर्षों से काठमांडू में ही रहते थे. संजय के पिता ने बताया कि उनका पुत्र संजय दो बेटों में बड़ा था. वह अपनी बहन के पास नवजात भांजे से मिलने के लिए रविवार की सुबह नेपाल से पोखरा जाने निकला. इसी बीच पोखरा शहर के पास विमान हादसे में उसकी मृत्यु हो गयी.

पिता ने बताया..

पिता ने बताया कि उसके पुत्र से अंतिम बात सुबह 10 बजे हुई थी. इस घटना से संजय के माता-पिता व परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. परिवार की बड़ी जिम्मेवारी संभालने वाले पुत्र को ही खो दिया. घर से मां की चीखें निकल रही है जबकि मुहल्ले में मातम पसरा हुआ है. संजय के पिता व परिजन पोखरा के लिए रवाना हो गये.

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पोखरा में विमान क्रैश

बता दें कि बैरगनिया के बहुत सारे लोग पड़ोसी देश नेपाल की राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में रहकर रोजगार करते हैं. पोखरा में विमान लैंडिंग के समय क्रैश कर गया. पोखरा हवाई अड्डे पर उतरने के समय यह विमान क्रैश हुआ और नदी घाटी में गिर गया. जिसमें 72 लोगों के मरने की बात सामने आ रही है. इसमें कई देशों के यात्री सवार थे.

पायलट ने नदी में क्यों करायी क्रैश लैंडिंग?

ऐसी बात सामने आ रही है कि पोखरा में हादसे का शिकार हुए यति एयरलाइंस के पायलट ने बस्ती को बचाने के लिए पहाड़ के बीच नदी में क्रैश लैंडिंग करायी. यदि विमान नदी की जगह घनी आबादी वाली बस्ती में क्रैश हुआ होता तो यह हादसा और भी भयावह हो सकता था. विमान के मुख्य पायलट के बारे में बताया जाता है कि उन्हें 20 साल से अधिक का अनुभव था. काठमांडू के पायलट कमल केसी भारत में भी अपनी सेवा दे चुके थे.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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