नेपाल ने छोड़ा 3.69 लाख क्यूसेक पानी, गंडक के किनारे गांवों में फिर बाढ़ की आशंका
छपरा (सदर). सारण के पूर्वी क्षेत्र में स्थित गंडक नदी के किनारे के आधा दर्जन प्रखंडों में एक बार फिर भारी बारिश के साथ-साथ नेपाल द्वारा बाल्मिकी नगर बराज से 3.69 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.
छपरा (सदर). सारण के पूर्वी क्षेत्र में स्थित गंडक नदी के किनारे के आधा दर्जन प्रखंडों में एक बार फिर भारी बारिश के साथ-साथ नेपाल द्वारा बाल्मिकी नगर बराज से 3.69 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.
जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार के अनुसार नेपाल द्वारा 3.69 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण शनिवार के दोपहर बाद गंडक नदी का जलस्तर एक मीटर बढ़ने की संभावना है. ऐसी स्थिति में जल स्तर बढ़ने को लेकर विभागीय व जिला प्रशासन के निर्देश के अनुसार तटबंधों की निगरानी व सुरक्षात्मक उपाय किये जा रहे हैं.
उधर मौसम विज्ञान विभाग द्वारा 27 सितंबर तक भारी बारिश व वज्रपात की आशंका के मद्देनजर प्रखंड स्तर पर पदाधिकारियों द्वारा आम जनों को जलजमाव एवं बाढ़ से बचाव के लिए जागरूक करने के साथ-साथ सुरक्षात्मक उपाय का निर्देश स्थानीय पदाधिकारी को दिया गया है.
वहीं नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने तथा गंडक का जलस्तर बढ़ने के बाद सारण जिले के पानापुर, तरैया, अमनौर, मशरक, मकेर, परसा, मढ़ौरा आदि प्रखंडों में बाढ़ के कारण होने वाली क्षति को लेकर आम जनों में भय व्याप्त है.
जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता के अनुसार गंगा, घाघरा आदि नदियों का जलस्तर काफी नीचे है. परंतु गंडक का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण नदी के किनारे गांवों के हजारों की आबादी भयभीत है.
posted by ashish jha