पटना . लोजपा के सर्वमान्य नेता रहे स्व. रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान व उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी की लड़ाई अब चुनाव आयोग पहुंच चुकी है. शुक्रवार को पारस गुट का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग के कार्यालय में जाकर पशुपति कुमार पारस के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने की दावेदारी पेश की.
प्रतिनिधिमंडल में पारस गुट के कोषाध्यक्ष विनोद नागर, लोजपा के जम्मू-कश्मीर के प्रदेश अध्यक्ष संजय सर्राफ व राष्ट्रीय महासचिव रामजी सिंह व दो वकील थे. ये लोग चुनाव आयोग के कार्यालय से रिसीविंग लेकर वापस आ गये.
वहीं, शाम पांच बजे चिराग पासवान, उनके गुट के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल खालिक, प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी व एके वाजपेयी ने भी चुनाव आयोग के कार्यालय में जाकर पारस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने को चुनौती दी है.
सबसे पहले 13 जून को पारस की ओर से लोकसभा के अध्यक्ष के पास पार्टी के संसदीय दल के नेता होने की दावेदारी दी गयी. स्पीकर की मान्यता मिल जाने के बाद 15 जून को पारस गुट ने बैठक कर चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया.
नये कार्यकारी अध्यक्ष बना दिये गये. फिर 17 जून को पारस गुट ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया. 18 जून को पारस गुट ने केंद्रीय चुनाव आयोग के दरवाजे पर पहुंच कर अपनी दावेदारी पेश कर दी.
पारस के संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद 15 जून को चिराग पासवान ने वर्चुअल बैठक की और पारस सहित पांचों सांसद प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीना देवी, महबूब अली कैसर को पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया.
इसके चिराग की ओर से प्रदेश अध्यक्ष बदला गया. पारस गुट की ओर से चुनाव आयोग जाने के बाद चिराग भी चुनाव आयोग गये. वहीं चिराग पासवान की ओर से 20 जून को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलायी गयी है.
Posted by Ashish Jha