सीवान. जिले में एचआइवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. सरकार की ओर से कई संगठन एड्स से बचाव की जानकारी देने का काम कर रहे हैं. लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद भी जिले में एचआइवी पॉजिटिव लोगों के आंकड़ें चौंकाने वाले हैं. सदर अस्पताल के एआरटी (एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी) सेंटर में अप्रैल 2021 से लेकर मार्च 2022 तक 314 पॉजिटिव नये एचआइवी मरीजों को पंजीकृत किया गया है.
इस दौरान करीब 6400 प्रसव पूर्व हुए गर्भवती महिलाओं की जांच में 14 महिलाएं एचआइवी संक्रमित मिली. 15 में से 13 गर्भवती महिलाएं नयी एचआइवी संक्रमित मरीज थी. इस दौरान जांच में 30 एचआइवी संक्रमित मरीजों में टीबी बीमारी भी पायी गयी. मार्च 2021 से लेकर अप्रैल 2022 तक करीब 40 एचआइवी संक्रमित मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गयी.
सदर अस्पताल में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) द्वारा स्थापित एआरटी सेंटर (एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी केंद्र) में पिछले छह माह से चिकित्सा पदाधिकारी का पद रिक्त होने से मरीजों को परेशानी हो रही है. एआरटी सेंटर में आने वाले पुराने और नये मरीजों को बिना डॉक्टर की सलाह के ही स्वास्थ्य कर्मी दवा दे रहे हैं. किसी मरीज को अगर अधिक परेशानी होती है तो एआरटी के कर्मचारी गोपालगंज या छपरा एआरटी सेंटर के डॉक्टर से फोन पर बात कर मरीजों को दवा उपलब्ध कराते हैं.
एचआइवी के अतिरिक्त किसी अन्य प्रकार की परेशानी होने पर मरीजों को सदर अस्पताल के ओपीडी में रेफर किया जाता है. इसके बावजूद अगर मरीज की परेशानी कम नहीं होती है तो उसे पटना रेफर किया जाता है. सदर अस्पताल के एआरटी सेंटर में मेडिकल ऑफिसर की बहाली हुई, लेकिन मेडिकल ऑफिसर द्वारा रिजाइन देने के कारण पद खाली पड़ा हुआ है. राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी द्वारा जिले में आनन-फानन में एआरटी सेंटर तो चालू कर दिया गया. लेकिन सेंटर में कई पदों को अब तक नहीं भरे जाने से मरीजों को परेशानी हो रही है.
एआरटी सेंटर में सीनीयर मेडिकल ऑफसर सहित डाटा इंट्री मैनेजर, फर्मासिस्ट, केयर कोऑर्डिनेटर सहित कई पदों को आज तक नहीं भरा जा सका. एआरटी सेंटर में दवा लेने आने वाले मरीजों के लिए कोई वेटिंग एरिया की व्यवस्था नहीं की गयी है. इस कारण अधिक संख्या में जब मरीज आते है तो उन्हें परेशानी होती है.
सदर अस्पताल में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) द्वारा स्थापित एआरटी सेंटर में करीब 15 माह बीत जाने के बाद भी एआरटी सेंटर में सीडी फोर जांच की सुविधा नहीं हुई. इससे मरीजों को परेशानी हो रही है. इसके लिए कमरे का निर्माण हो चुका है. लैब टेक्निशियन की बहाली भी हो गयी है. सिर्फ सीडी फोर जांच के लिए विभाग द्वारा उपकरण उपलब्ध नहीं कराया गया है. नये मरीजों के लिए विभाग ने सीडी फोर जांच के लिए वैकल्पिक व्यवस्था किया है.
सीडी फोर जांच के लिए मरीजों का सैंपल गोपालगंज एआरटी सेंटर भेजा जाता है. सीवान एआरटी सेंटर में लगभग 2324 एचआइवी पॉजिटिव मरीजों को दवा दी जाती है. नये मरीजों को बेसलाइन टेस्ट के बाद बिना सीडी फोर जांच के दवा शुरू कर दी जाती है. वहीं पुराने मरीजों का छह महीने बाद होने वाले फॉलोअप सीडी फोर जांच बड़ी मुश्किल से गोपालगंज भेज कर कराया जाता है.