पटना. राज्य में बौद्ध सर्किट की पूर्व निर्धारित मुख्य सड़क मानिकपुर-साहेबगंज-अरेराज के निर्माण की मंजूरी अस्वीकृत कर दी गयी है. इसकी जगह नये एलाइनमेंट की डीपीआर बनाने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने शुक्रवार को मंजूरी दी. नये एलाइनमेंट के अनुसार यह सड़क बाकरपुर-मकेर-तरैया-राजापट्टी बैकुंठपुर-रामपुर खजुरिया-अरेराज तक जायेगी.
मंत्रालय ने इसकी वजह अधिक आबादी वाले क्षेत्र से होकर नये एलाइनमेंट का गुजरना बताया है, जबकि पूर्व निर्धारित एलाइनमेंट में वैशाली, देवरिया, साहेबगंज, केसरिया और रामपुर कजुरिया होते हुए पटना से अरेराज तक फोरलेन सड़क का निर्माण होना था. अब यह सड़क बाकरपुर से मकेर होते हुए तरैया, राजापट्टी बैकुंठपुर और माधोपुर होते हुए रामपुर खजुरिया को क्राॅस करेगी.
सूत्रों के अनुसार बौद्ध सर्किट की मुख्य सड़क मानिकपुर-साहेबगंज-अरेराज एसएच-74 थी, जिसे एनएच की मान्यता देने की प्रक्रिया चल रही थी. साथ ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी. यह सड़क करीब 85 किमी की लंबाई में हाजीपुर, मुजफ्फरपुर और मोतिहारी से होकर गुजरती है.
हाजीपुर जिले में यह सड़क दो लेन की है और इसकी लंबाई करीब 36 किमी है. इसके अलावा करीब 49 किमी की लंबाई में यह सड़क सिंगल लेन की है. एनएच की मान्यता मिलने के बाद जमीन अधिग्रहण के साथ करीब 2200 करोड़ रुपये से 85 किमी लंबाई में पूरी सड़क को फोरलेन बनाया जाना था.
सूत्रों के अनुसार बौद्ध सर्किट के मुख्य सड़क की जगह नये एलाइनमेंट को मंजूरी देने के पीछे राजनीतिक कारणों को मुख्य वजह बताया जाता है. मानिकपुर-साहेबगंज- अरेराज सड़क को फोरलेन बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी.
एनएच की मंजूरी मिलते ही इसके फोरलेन निर्माण की टेंडर प्रक्रिया शुरू होने वाली थी. ऐसे में इसकी जगह नये एलाइनमेंट को मंजूरी मिलने से जमीन अधिग्रहण सहित अन्य प्रक्रियाओं के बारे में असमंजस की स्थिति पैदा हो गयी है.
बिहार बौद्ध सर्किट में बोधगया, नालंदा, राजगीर, वैशाली, कहलगांव और राजधानी पटना शामिल हैं. वहीं, धर्मयात्रा सर्किट में बोधगया (बिहार) और उत्तर प्रदेश के सारनाथ, कुशीनगर और पिपरहवा शामिल हैं. विस्तृत धर्मयात्रा में बोधगया (बिहार), विक्रमशिला, सारनाथ, कुशीनगर, कपिलवस्तु, संकिसा, पिपरहवा शामिल हैं.
Posted by Ashish Jha