प्रह्लाद कुमार, पटना. बिहार के विभिन्न जिलों से झारखंड एवं कोलकाता के लिए 53 से अधिक मार्गों पर बसों का परिचालन करने के लिए परिवहन विभाग ने परमिट दिया है. विभाग ने पूर्णिया-बोकारो, सासाराम- रांची, आरा-धनबाद, आरा-टाटा, जहानाबाद -रांची, जहानाबाद-टाटा, गया- रांची, नवीनगर – टाटा, जहानाबाद – टाटा, वजीरगंज – कोलकाता और औरंगाबाद – रांची के 53 मार्गों पर बसों का परिचालन करने के लिए स्थायी अनुमति दे दी है. अधिकारियों के मुताबिक इन मार्गों पर परिचालन शुरू होने के बाद लोगों को आवागमन में सुविधा होगी. साथ ही, इसके लिए नये मार्गों का चयन किया गया है. अगले साल 40 से अधिक नये मार्गों पर भी बसों का परिचालन शुरू करने का निर्णय लिया गया है.
परिवहन विभाग 2024 में करेगा इलेक्ट्रिक बसों की खरीद
राज्य में यात्री सुविधा और बेहतर करने के लिए पटना सहित अन्य सभी शहरों में इलेक्ट्रिक सिटी बसों की खरीद होगी. इसकी शुरुआत 11 शहरों से होगी. जहां पहले चरण में 90 सिटी बसों की खरीद की जायेगी. इसके बाद बाकी शहरों में सिटी बसों की खरीद होगी.परिवहन विभाग ने राज्य सरकार को इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर भेजा है. इस प्रस्ताव की स्वीकृति मिलते ही बसों की खरीद शुरू हो जायेगी.विभागीय सूत्रों के मुताबिक शहरी इलाकों में सड़कों की चौड़ाई कम होने के कारण छोटी बसें सड़क पर उतारने का निर्णय लिया गया है, ताकि लोगों का सफर आसान हो सके.
पटना में 30 से अधिक बसों का होगा परिचालन
विभाग के मुताबिक सबसे पहले पटना शहर को 30, गया 10, मुजफ्फरपुर आठ, हाजीपुर तीन, छपरा एक, वैशाली दो, गोपालगंज तीन, भोजपुर तीन, बोधगया पांच, राजगीर 15, नालंदा को 10 बसें मिलेगी. बाद बाकी शहरों में यात्रियों के आकलन के बाद सिटी बसों की संख्या बढ़ायी जायेगी.
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नये बस स्टॉप बनेंगे, पुराने को किया जायेगा दुरुस्त
विभाग ने बसों के परिचालन को देखते हुए शहरी इलाकों में नये बस स्टाॅप बनाये जायेंगे. वहीं, जहां पहले से बस स्टॉप बनाये गये हैं और उनकी स्थिति ठीक नहीं है, तो उसे ठीक करने का काम होगा. इस संबंध में विभाग ने जिलों को रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है.
ऑटो और सिटी बसों का रूट होगा तय
विभाग ने कहा है कि बसों के परिचालन से पूर्व ऑटो और सिटी बसों का रूट तय किया जायेगा. जिन रूटों पर ऑटो का परिचालन पहले से है. उन इलाकों में बसों का परिचालन कम होगा. वहीं, इन सिटी बसों का सफर भी 30 किलो मीटर तक होगा. अगर यात्रियों की संख्या अधिक होगी, तो बसों का परिचालन 30 किलोमीटर से अधिक करने पर भी विचार होगा.