बिहार में नयी शिक्षा नीति लागू करने की राह में कई चुनौतियां, तैयारी के लिए प्रति विश्वविद्यालय चाहिए 11 करोड़

बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर के बाद अब भारत सरकार के शिक्षा विभाग की तरफ से आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यक्रम में बिहार के प्रतिनिधि के रूप में बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष डॉ कामेश्वर झा ने कहा था कि नयी शिक्षा नीति में वित्तीय प्रबंधन बड़ी चुनौती होगा

By Prabhat Khabar News Desk | June 21, 2023 2:24 AM

बिहार में नयी शिक्षा नीति के तहत विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रम चलाने के लिए प्रति विश्वविद्यालय कम से कम 11 करोड़ चाहिए. इस तरह बिहार के परंपरागत विश्वविद्यालयों को करीब 150 करोड़ से अधिक रुपयों की जरूरत होगी. नयी शिक्षा नीति के तहत पिछले दिनों भारत सरकार के शिक्षा विभाग की तरफ से आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यक्रम में बिहार के प्रतिनिधियों ने इस तरह की बात रखी थी.

नयी शिक्षा नीति में वित्तीय प्रबंधन बड़ी चुनौती होगी

इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में बिहार के प्रतिनिधि के रूप में बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष डॉ कामेश्वर झा ने इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में कहा था कि नयी शिक्षा नीति में वित्तीय प्रबंधन बड़ी चुनौती होगा. इस पर ध्यान देना चाहिए. इस मामले में भारत सरकार का रुख अभी सामने आना है. हालांकि, कार्यक्रम के बाद जारी प्रतिवेदन में बिहार की बात को शामिल किया गया है.

प्रभावी करने से पहले एक विशेष तैयारियां करनी पड़ेंगी

नयी शिक्षा नीति में एंट्री एंड एक्जिट जैसे अकादमिक डिसिप्लिन पर बिहार ने अपना पक्ष बेहतर सकारात्मक तौर पर रखा था. बिहार के प्रतिनिधि ने पक्ष रखते हुए कहा था कि इस सिस्टम को प्रभावी करने से पहले एक विशेष तैयारियां करनी पड़ेंगी. विशेष रूप से प्रयोगशाला से लेकर गैर स्व वित्तीय कार्यक्रम में कौशल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के लिए अंगीभूत कॉलेजों / विश्वविद्यालयों को वित्तीय मदद देनी होगी.

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वित्तीय प्रबंध बेहद अहम होगा

साथ ही उन्होंने बताया कि नयी शिक्षा नीति को बिहार में लागू करने के लिए वित्तीय प्रबंध बेहद अहम होगा. हालांकि, तेलंगाना में आयोजित कार्यक्रम पर केंद्रीय और राज्य शिक्षा विभागों के बीच अभी इस मामले में संवाद होना बाकी है. यह कार्यक्रम सेंटर फॉर पालिसी रिसर्च एंड हायर एजुकेशन और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन ने आयोजित किया था.

जानकारी के मुताबिक चार वर्षीय स्नातक कोर्स को प्रभावी करने के संदर्भ में अतिरिक्त पैसों की जरूरत की बात शनिवार को प्रदेश के शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने भी रखी है. ऐसे में जानकारों का कहना है कि नयी शिक्षा नीति में वित्त का प्रबंध खासा चुनौतीपूर्ण होगा.

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