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बिहार में नहीं खुलेंगे नये गर्ल्स स्कूल व कॉलेज, बोले विजय चौधरी- रात्रि प्रहरी के मानदेय पर होगा विचार

सरकार को-एडुकेशन को बढ़ावा दे रही है. शिक्षा के मामले में लड़कों की तुलना में लड़कियां आगे निकल रही हैं. ऐसे में अलग से विद्यालय या कॉलेज खोलकर उनको पीछे करनेवाला प्रावधान उचित नहीं है.

पटना. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार अब बालिका विद्यालय या महिला कॉलेज नहीं खोले जायेंगे. सरकार को-एडुकेशन को बढ़ावा दे रही है. शिक्षा के मामले में लड़कों की तुलना में लड़कियां आगे निकल रही हैं. ऐसे में अलग से विद्यालय या कॉलेज खोलकर उनको पीछे करनेवाला प्रावधान उचित नहीं है.

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी मंगलवार को विधानसभा में कटोरिया की विधायक डा निक्की हेम्ब्रम व नरकटियागंज की विधायक रश्मि वर्मा के तारांकित प्रश्न का जवाब दे रहे थे. डा हेम्ब्रम ने कटोरिया प्रखंड के मोथावाडी एवं जयपुर पंचायत में बालिका उच्च विद्यालय की स्थापित करने पर सरकार से मांग कर रही थी.

उधर रश्मि वर्मा ने नरकटियागंज में महिला विद्यालय की स्थापना करने की मांग सरकार से की. हालांकि शिक्षा मंत्री ने स्वीकार किया कि वहां पर पूर्व से स्थापित महाविद्यालय में विद्यार्थियों की संख्या अधिक है तो एक नया महाविद्यालय खोलने पर सरकार विचार कर सकती है.

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि राज्य के हाइ स्कूल और प्लस टू विद्यालयों में नियुक्त रात्रि प्रहरी(नाइट गार्ड) के मानदेय की सरकार समीक्षा करेगी. उन्होंने बताया कि नाइट गार्ड की नियुक्ति का अधिकार नगर निकायों और पंचायतों को दिया गया है. नियमित नियुक्ति होने तक नियोजन इकाई द्वारा नाइट गार्डों की नियुक्ति की जाती है. विद्यालयों की विकास निधि से ही नाइट गार्ड का मानदेय दिया जाता है.

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी मंगलवार को समस्तीपुर के विधायक अख्तरूल इस्लाम शाहीन के अल्प सूचित प्रश्न का जवाब दे रहे थे. शाहीन का प्रश्न था कि राज्य के माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में मानदेय पर कार्यरत रात्रि प्रहरी को मात्र पांच हजार मासिक मानदेय दिया जाता है.

इसको लेकर हरिनारायण सिंह और ललित यादव ने सरकार से पूछा कि उत्क्रमित विद्यालयों में सरकार द्वारा अपने कोष से रात्रि प्रहरी को पांच हजार रुपये दिया जाता है. जबकि विद्यालय प्रबंधन समिति के पास राशि नहीं रहने के कारण रात्रि प्रहरी का मानदेय ही नहीं दिया जाता.

इसके अलावा सदस्यों ने कहा कि रात्रि प्रहरी को मिलने वाला मानदेय भी राज्य में लागू न्यूनतम मजदूरी से कम है. जवाब में शिक्षा मंत्री ने बताया कि नियमित नियुक्ति होने तक मानदेय का प्रावधान है. इन पदों पर नियुक्ति होने के बाद यह व्यवस्था समाप्त हो जायेगी. सदस्यों की मांग पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार इसकी समीक्षा करेगी.

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