बिहार में सड़क किनारे खुले स्कूलों के लिए नयी गाइडलाइन, अब देना होगा इन बातों पर ध्यान
राज्य भर में सैकड़ों सरकारी व निजी स्कूल सड़क के किनारे हैं और स्कूल खुले होने के दौरान जब बच्चे स्कूल से घर जाने के लिए निकलते हैं, तो वह अचानक से सड़क के बिल्कुल करीब आ जाते है, जिसके कारण वे सड़क दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं.
पटना. राज्य भर में सैकड़ों सरकारी व निजी स्कूल सड़क के किनारे हैं और स्कूल खुले होने के दौरान जब बच्चे स्कूल से घर जाने के लिए निकलते हैं, तो वह अचानक से सड़क के बिल्कुल करीब आ जाते है, जिसके कारण वे सड़क दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं.
इन्हीं घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार के दिशा-निर्देश पर अब परिवहन विभाग रोड सेफ्टी के तहत नयी गाइडलाइन तैयार कर रहा है, जिसे राज्य के सभी स्कूलों को फॉलो करना होगा. साथ ही, सड़क किनारे के स्कूलों की सुरक्षा किस तरह से हो, इसको लेकर पथ निर्माण विभाग को भी इस गाइडलाइन के तहत जिम्मेदारी दी जायेगी.
सड़क किनारे स्कूल के पास किसी तरह की कोई सड़क दुर्घटना नहीं हो, इसको लेकर जिलाधिकारी को भी निगरानी करनी होगी. इस संबंध में सभी डीएम को पत्र भेजा जायेगा और हर तीन माह पर एक बैठक भी करनी होगी.
गाइडलाइन में सभी विभाग व जिला प्रशासन की जिम्मेदारी तय की जायेगी, ताकि स्कूल बच्चे सुरक्षित घर तक पहुंचें. राज्य भर में सरकारी व निजी स्कूलों में रोड सेफ्टी कार्यक्रम के तहत जागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है.
परिवहन विभाग व शिक्षा विभाग के संयुक्त इस अभियान में एनएच और एसएस के 30 स्कूलों में कार्यक्रम भी शुरू किया गया था, लेकिन कोरोना के कारण इस अभियान की गति कम हुई है.
यह होगी नियमावली
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– जहां स्कूल होंगे, वहां पर बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या-क्या इंतजाम हैं. इसकी हर स्तर से जांच की जायेगी.
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– संबंधित विभाग के अधिकारियों को मिल कर सुरक्षा रिपोर्ट बनेगी, जिससे रोड सेफ्टी के लिए आगे काम होगा.
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– जरूरत पड़े, तो स्कूल के पास फुट फ्लाइ ओवर भी बनाया जायेगा.
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– रोड ब्रेकर, जेबरा क्राॅसिंग, साइनबोर्ड, गति सीमा तय की जायेगी, ताकि गाड़ी की रफ्तार स्कूल के पास धीमी रहे.
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– स्कूल के पास पेट्रोलिंग की सुविधा
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– स्कूल प्रबंधन को भी बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी जायेगी, जब तक बच्चे वहां से निकल नहीं जाएं. उस वक्त तक स्कूल प्रबंधन भी निगरानी करेंगे.
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– बस, ऑटाे या अन्य वाहनों से जाने वाले बच्चों को स्कूल के गेट या गेट के अंदर से लेना होगा. बस सड़क पर लगा कर बच्चे को नहीं बिठाना होगा.
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– बस चालकों को भी गाइडलाइन के तहत काम करना होगा.
Posted by Ashish Jha