भागलपुर: सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को दुर्घटना, गंभीर बीमारी व परिजनों की मृत्यु जैसी विशेष परिस्थिति में आकस्मिक अवकाश दिया जायेगा. इस प्रकार की विशेष परिस्थितियों में तीन दिन पूर्व आवेदन देने की बाध्यता नहीं रहेगी. वहींं सामान्य स्थिति में शिक्षकों को आकस्मिक अवकाश के लिए तीन दिन पहले ही आवेदन जमा करना होगा. इससे संबंधित अधिसूचना मंगलवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने जारी की है.
पत्र के अनुसार प्रमंडलीय आयुक्त भागलपुर के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने 30 नवंबर को आकस्मिक अवकाश के लिए तीन दिन पहले आवेदन देने का नियम लागू किया था. इससे संबंधित एक और पत्र प्रमंडलीय आयुक्त के सचिव ने जारी कर आकस्मिक अवकाश को लेकर स्थिति को स्पष्ट कर दिया है. इसके तहत आकस्मिक अवकाश के लिए तीन दिनों का प्रावधान सामान्य परिस्थिति के लिए किया गया है. विवाह कार्यक्रम में भागीदारी जैसे मामले की जानकारी आवेदक को पहले से रहती है. ऐसी स्थिति में अवकाश के तीन दिन पहले ही आवेदन देना होगा. आकस्मिक अवकाश ऐसा अवकाश है, जो कभी भी लिया जा सकता है.
बिहार सेवा संहिता के नियम 152 के तहत यदि लोक सेवा के लिए नितांत आवश्यक हो, तो छुट्टी देने के लिए प्राधिकारी अपने विवेक से किसी प्रकार की छुट्टी अस्वीकृत या रद्द कर सकता है. छुट्टी इस हद तक नहीं देनी चाहिए कि उससे किसी सेवा या विभाग में काम करने वालों की बहुत कमी हो जाये. जब कर्मचारियों की संख्या काम को देखते हुए कम से कम हो जाये, तब किसी भी तरह की और छुट्टी नहीं देनी चाहिए.
अवकाश पर प्रस्थान के पूर्व अवकाश स्वीकृत करा लेना अनिवार्य है, जिसके तहत स्वीकृति के लिए सक्षम प्राधिकार द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था की जा सके और कार्य बाधित नहीं हो. वर्तमान निर्देश केवल सामान्य परिस्थिति के लिए है, अर्थात् ऐसी परिस्थिति के लिए जिनके संबंध में आवेदक को पहले से जानकारी रहती है. बता दें कि तीन दिन पूर्व अवकाश के आवेदन के निर्देश के बाद शिक्षकों ने इसका विरोध जताया था. इसको लेकर आयुक्त कार्यालय व जिला शिक्षा कार्यालय ने पत्र जारी कर स्थिति स्पष्ट कर दी.