दरभंगा. डीएमसीएच में नये सर्जिकल भवन का निर्माण पूरा कर लिया गया है. वर्तमान में फिनिशिंग का काम चल रहा है. सात मंजिला यह भवन आधुनिक सुविधाओं से लैस है. इस बिल्डिंग में सर्जरी व ऑर्थो विभाग संचालित किये जाएंगे. जानकारी के अनुसार ग्राउंड फ्लोर पर आपातकालीन, प्रथम तल पर ओपीडी, तीसरे फ्लोर पर वार्ड व चौथे मंजिल पर ऑपरेशन थियेटर बनाया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि डीएमसीएच परिसर में बन रहे नये सर्जरी बिल्डिंग का निर्माण पूरा हो चुका है अब इसे फाइनल टच दिया जा रहा है. 15 अक्टूबर के आसपास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भवन का उद्घाटन कर सकते हैं. इसके लिए बिल्डिंग का काम तेजी से संपन्न किया जा रहा है.
ग्राउंड फ्लोर पर इमरजेंसी, दूसरे फ्लोर पर जेनरल सर्जरी वार्ड
नये भवन के ग्राउंड फ्लोर पर वर्न, इमरजेंसी, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउड, एक्स-रे जांच की सुविधा होगी. प्रथम फ्लोर पर 96 बेड का ऑर्थोपेडिक वार्ड व ओपीडी चलेगा, जबकि दूसरे फ्लोर पर 96 बेड का जेनरल सर्जरी वार्ड बनाया गया है. चूंकि डीएमसीएच उत्तर बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल है, यहां दरभंगा जिला के अतिरिक्त अन्य जिला से दुर्घटना के मरीज अधिक पहुंचते हैं, जिसके कारण दूसरे फ्लोर पर 64 बेड का अतिरिक्त ऑर्थों वार्ड बना है. चौथे फ्लोर पर 10 अतिरिक्त मेजर ऑपरेशन कक्ष बनाया गया है, जो पूरी तरह आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं. इसके अलावे पांचवें फ्लोर पर सभी तरह का पैथोलॉजिकल लैब बनाये गये हैं. मरीजों को किसी तरह की दिक्कत नहीं हो इसके लिए लिफ्ट की व्यवस्था है.
काम को दिया जा रहा है अंतिम रूप
समय पर काम पूरा हो इसके लिए पटना से अधिकारियों की टीम कार्य पर नजर रखे हुए हैं. कुछ दिन पूर्व स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बीएमएसआइसीएल के अधिकारी व डीएमसी के प्राचार्य के साथ ऑनलाइन बैठक कर सर्जरी बिल्डिंग के निर्माण कार्य समीक्षा की थी. इस दौरान कार्य को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया था. इसके मद्देनजर बीएमएसआइसीएल ने कार्य की गति तेज कर दी है. काम को अंतिम रूप दिया जा रहा है. बीएमएसआइसीएल के उप महाप्रबंधक परियोजना संजय जायसवाल ने कहा कि सर्जरी बिल्डिंग का काम अक्तूबर माह में पूरा कर लिया जायेगा. इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किये जाने की चर्चा है. आधिकारिक सूचना नहीं मिली है.
कोरोना के कारण काम पूरा होने में हुई देरी
सर्जरी बिल्डिंग के निर्माण को लेकर टेंडर की प्रक्रिया 2017 में पूरी की गयी थी. दो साल बाद दिसंबर 2019 में जमीनी स्तर पर काम शुरू हुआ था. कार्य को 30 माह बाद यानि की जून 2022 में पूरा कर लेना था. काम बीएमएसआइसीएल के माध्यम से हो रहा है. कोरोना के कारण देरी को देखते हुए इसके निर्माण की अवधि को 10 माह के लिए और एक्सटेंशन कर दिया गया था. अब यह भवन उद्घाटन को तैयार है. 400 बेड के इस भवन को बनाने में 126 करोड़ रुपए खर्च आया है.
नर्सिंग होस्टल में संचालित है सर्जरी व ऑर्थो विभाग
वर्तमान समय में गायनिक विभाग के पीछे स्थित जीएनएम नर्सिंग होस्टल में सर्जरी व ऑर्थो विभाग संचालित है. इससे छात्राओं का पठन- पाठन बाधित हो रहा है. वहीं मरीज व परिजनों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. ओपीडी व आपातकालीन विभाग में चिकित्सकीय परामर्श के बाद मरीजों को वहां भेजा जाता है. इसके लिये अधिकांश मरीजों को एम्बुलेंस का सहारा लेना पड़ता है. समय से एंबुलेंस नहीं मिलने पर भाड़ा पर ऑटो करना पड़ता है. खासकर ऑपरेशन के बाद मरीजों को विभाग ले जाने में काफी परेशानी होती है. करीब दो से तीन सौ मीटर का जर्जर रास्ता तय करने में टांका टूटने का डर रहता है. नये भवन में विभागों के संचालन से ये सभी समस्या समाप्त हो जायेगी.