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Grahan 2021: नया साल खगोलीय दृष्टि से बेहद खास, चार ग्रहण का बना योग, लेकिन भारत में नहीं दिखेंगे दो ग्रहण

दो चंद्रग्रहण व दो सूर्य ग्रहण होंगे. खास यह कि भारत में सिर्फ दो चंद्रग्रहण दिखाई देंगे. यह पूर्वोत्तर भारत के कुछ भागों में अल्पकाल के लिए दृश्यमान होगा.

By Prabhat Khabar News Desk | January 2, 2021 1:17 PM

गोपालगंज . नया साल 2021 खगोलीय दृष्टि से बेहद खास रहने वाला है. इस वर्ष 2021 में चार ग्रहण लगेंगे. इसमें दो चंद्रग्रहण व दो सूर्य ग्रहण होंगे.

खास यह कि भारत में सिर्फ दो चंद्रग्रहण दिखाई देंगे. यह पूर्वोत्तर भारत के कुछ भागों में अल्पकाल के लिए दृश्यमान होगा. ज्योतिषाचार्य पं. राजेश्वरी मिश्र के अनुसार वर्ष का पहला ग्रहण वैशाख पूर्णिमा 26 मई को लग रहा है.

यह खग्रास चंद्र ग्रहण के रूप में चंद्रोदय के समय आंशिक रूप से भारत के कुछ हिस्सों में ही दृश्य होगा. कार्तिक पूर्णिमा दिन शुक्रवार 19 नवंबर को लगने वाला खंडग्रास चंद्र ग्रहण भारत के सुदूर पूर्वोत्तर भाग में अल्प समय के लिए दृश्य होगा.

वहीं ज्येष्ठ अमावस्या 10 जून को सूर्य ग्रहण लगेगा. जो भारत में दृश्य नहीं होगा. वर्ष का आखिरी ग्रहण, खग्रास सूर्य ग्रहण मार्गशीर्ष अमावस्या शनिवार चार दिसंबर को लग रहा है जो भारत में दृश्य नहीं होगा.

ज्योतिषाचार्य पं. राजेश्वरी मिश्र ने बताया कि शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव के कारण आर्थिक समुन्नति में मिश्रित फल प्राप्त होंगे. पारिवारिक सामंजस्य में कमी आएगी. उपलब्धियों के अवसर कम मिलेंगे.

गोपालगंज की नाम राशि से राहु चतुर्थ और केतु 10 वें स्थान पर स्थित रहेंगे. परिवहन मार्गों के विकास में अत्यधिक विकास और कृषकों की दशा में सुधार के लिए कुछ नए कार्य किए जाएंगे. दशम भावस्थ केतु के कारण सरकार की नीतियों और कार्य की प्रशंसा की जाएगी.

षष्ठम भाव रोग, शत्रु और अपराध का माना जाता है. इस पर शनि की सातवीं पूर्ण दृष्टि से अपराध का ग्राफ तेजी से नीचे की ओर जाएगा. अवांछित तत्वों से जनमानस को राहत मिलेगी. रोगों की भी रोकथाम भी संभव होगी.

सन 2021 में गोपालगंज और उसके आसपास प्राकृतिक प्रकोप जैसे बाढ़ और सूखे की स्थिति से छुटकारा मिलेगी. नदियों का जलस्तर अपनी मर्यादित सीमा में रहेगा.

औसत वर्षा का योग है. क्योंकि अप्रैल के पश्चात बृहस्पति उच्चारोही होंगे (अर्थात मकर से कुंभ राशि की तरह गमन करेंगे.)

वर्षा का अनुमान जून से अक्टूबर तक की गणना से किया जाता है. उस समय ग्रहों की स्थित सौम्य है. इसलिए वर्षा सामान्य होगी.

Posted by Ashish Jha

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