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बिहार के इन खूबसूरत स्थल पर नए साल के जश्न को बनाएं यादगार, सुकून से करें वर्ष 2024 का स्वागत

New Year 2024: बिहार में कई सुंदर स्थान है. इन जगहों पर जाकर नए साल के जश्न को यादगार बनाया जा सकता है. 2024 का स्वागत सुकून के साथ करना संभव है. वहीं, नए साल की तैयारी भी जोरों शोरों से जारी है.

By Sakshi Shiva | December 31, 2023 1:11 PM
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New Year 2024: New Year 2024: बिहार का इतिहास काफी पुराना है. यह सभ्यता, संस्कृति और कर्म की भूमि रही है. कई ऐसे स्थान है,जहां नए साल का जश्न मनाया जा सकता है. पटना, गया से लेकर नालंदा में घूमने की बेहतरीन जगहें है. नालंदा में ही विश्व का सबसे पुराना विश्नविद्यालय स्थित है. वहीं, नए साल पर भी यहां पर जश्न मनाया जा सकता है. नालंदा पुलिस की ओर से इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है. सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे. पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी. इसके साथ ही हेल्प डेस्क का भी इंतजाम किया जाएगा. नालंदा में हिरण्य पर्वत और सुभाष पार्क में पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ती है. राजगीर में तो अभी से लोगों का आगमन हो रहा है. इसके लिए ट्रैफिक प्लान को भी तैयार किया गया है.

लोगों के लिए किए गए खास इंतजाम

नालंदा में पुलिस ने भारी वाहन के परिचालन पर रोक लगाई है. लोगों की सुविधा का खास ख्याल रखा जा रहा है. लोग सुकून से नया साल मना सकें और उन्हें कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए कई तरह के इंतजाम किए गए. सीसीटीवी कैमरों को लगाया गया है. पुलिस लोगों को गाइड करने वाली है. पहाड़ से लेकर जमीन तक पुलिस गश्ती करेगी और लोगों की सुरक्षा का ख्याल रखा जाएगा. 30 दिसंबर से लेकर एक जनवरी के लिए यह व्यवस्था है. राजगाीर आने वाले सभी पर्यटकों के लिए मलमास मेला परिसर में पार्किंग की व्यवस्था की गई है.

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इन जगहों पर नए साल को बनाएं यादगार

राजधानी पटना में भी नए साल के जश्न को खूबसूरत बनाया जा सकता है. यहां कई जगह है, जहां लोग घूमने के उद्शेय से आते हैं. बुद्ध समृति पार्क सहित मनेर शरीफ में नए साल के जश्न को यादगार बनाया जा सकता है. इसके अलावा पटना के महावीर मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी लोग बड़ी संख्या में पूजा करने के लिए पहुंचेंगे. इसके लिए कई इंतजाम किए गए है. पटना साहिब गुरुद्वारा से लेकर इस्कॉन टैंपल में लोग आएंगे. तारामंडल और पटना जू पटना का बेहतरीन टूरिस्ट प्लेस है. इधर, राजधानी से 150 किलोमीटर की दूसरी पर सासाराम स्थित है. इसकी पहतचान यहां की ऐतिहासिक किलो में है. इसकी खूबसूरती लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है. शेरशाह सूरी का मकबरा लोगों को खूब पसंद आता है. यहां नए साल पर लोग पहुंचते हैं. इसे ताजमहल का दूसरा रुप कहा जाता है. इस्लामिक वास्तुकला का यह एक अच्छा उदाहरण है.

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टाइगरों की संख्या में हुई बढ़ोतरी

गया में भी नए साल के मौके पर बोधगया के मंदिरों का आनंद लिया जा सकता है. इसके अलावा वैशाली में नेपाली छावनी मंदिर और संग्राहालय स्थित है. पश्चिम चंपारण जिला में वाल्मिकी नगर टाइगर रिजर्व है. यहां सभी को एक से बढ़कर एक खतरनाक जानवर देखने के लिए मिल जाएंगे. नवंबर से मार्च तक यह घूमने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है. इसके अलावा नए साल में इस जगह की बात ही कुछ और है. साल 2024 को यहां पहुंचकर यादगार बनाया जा सकता है. वीटीआर में टाइगर की संख्या में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. यह अब बढ़कर 54 हो चुका है, जो पहले 45 हुआ करता था. यहां की तस्वीर भी लोगों को खूब पसंद आती है.

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