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TMBU को छोड़कर दूसरे विश्व विद्यालय जा रहे हैं नव नियुक्त शिक्षक, जानें क्या है मामला

Bhagalpur news: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के नवनियुक्त शिक्षकों का आकर्षण दूसरे विश्वविद्यालय की तरफ हो रहा है. दो शिक्षकों ने एनओसी ले ली है. तकरीबन 10 शिक्षक एनओसी लेने के लिए आवेदन देकर कतार में आ गये हैं. अधिक जानकारी के लिए पढ़ें पूरी खबर...

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 8, 2022 4:49 AM

आरफीन, भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के नवनियुक्त शिक्षकों का आकर्षण दूसरे विश्वविद्यालय की तरफ हो रहा है. दो शिक्षकों ने एनओसी ले ली है. तकरीबन 10 शिक्षक एनओसी लेने के लिए आवेदन देकर कतार में आ गये हैं, जबकि एक शिक्षिका पूर्व में ही विवि छोड़ चुकी हैं. हालांकि दूसरे विश्वविद्यालय में जाकर नौकरी करना शिक्षकों का अधिकार है, लेकिन विवि से जुड़े लोग मानते हैं कि ऐसी स्थिति आने पर विवि प्रशासन को सतर्क होने की जरूरत है. शिक्षकों के साथ वार्ता करने की आवश्यकता है, ताकि शिक्षकों का संकट झेल रहे टीएमबीयू के सामने कोई बड़ी समस्या खड़ी न हो जाये.

इन विषयों के कुछ शिक्षक हैं जाने के मूड में

विवि सूत्रों के अनुसार इतिहास, राजनीति विज्ञान, गांधी विचार विभाग, एंथ्रोपॉलॉजी, जूलॉजी, केमिस्ट्री आदि विषयों के एक दर्जन नवनियुक्त शिक्षक एनओसी लेकर दूसरी जगह नौकरी करने का मन बना चुके हैं. ऐसे शिक्षकों की टीएमबीयू में नियुक्ति बीपीएससी व बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग से हुई है. एनओसी के लिए आवेदन देनेवाले शिक्षकों ने अलग-अलग वजहों का जिक्र किया है.

समय पर वेतन व बेहतर माहौल की है तलाश

नाम नहीं छापने के शर्त पर शिक्षकों ने कहा कि दूसरे राज्य से आकर टीएमबीयू में सेवा दे रहे हैं. लेकिन समय पर शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने से काफी परेशानी होती है. वे चाहते हैं कि ऐसी जगह नौकरी करें, जहां का शैक्षणिक माहौल बेहतर है. शिक्षकों का कहना है कि उनके सामने सेवा के लिए अभी लंबा वक्त है. बेहतर भविष्य की चाहत तो सभी रखते हैं. सेंट्रल विवि में नियुक्ति होने पर समय पर वेतन मिलेगा.

सूत्र बताते हैं : इलाहाबाद, बीएचयू व दिल्ली में किया है अप्लाई

सूत्रों के अनुसार इलाहाबाद सह प्रयागराज सेंट्रल विवि, बीएचयू व दिल्ली विवि में शिक्षकों ने भर्ती के लिए आवेदन किये थे. इसमें कुछ शिक्षकों का इंटरव्यू होना है. ऐसे में टीएमबीयू से एनओसी मिलने के बाद ही इंटरव्यू में शामिल हो सकते हैं.नवनियुक्त शिक्षकों में ज्यादातर यूपी, बनारस, मध्य प्रदेश, दिल्ली आदि दूसरे राज्यों के शिक्षक हैं.

विवि में एक बार फिर शिक्षकों की हो सकती है कमी

विवि के पूर्व सीसीडीसी डॉ केएम सिंह ने कहा कि शिक्षकों का पलायन होने से विवि में फिर से शिक्षकों की कमी हो सकती है. विवि में पूर्व से ही 235 शिक्षकों की कमी है. सरकार को चाहिए कि शिक्षकों को समय पर वेतन व बेहतर सुविधा मुहैया कराये. शैक्षणिक माहौल में भी सुधार हो, ताकि शिक्षक यहीं रह जायें.

बीपीएससी परीक्षा के लिए विवि से मांगी है एनओसी : महफूज

पीजी राजनीति विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर महफूज आलम ने कहा कि आगामी होनेवाली बीपीएससी परीक्षा के लिए विवि में एनओसी के लिए अप्लाई की है, ताकि बीपीएससी परीक्षा के लिए तैयारी बेहतर ढंग से किया जा सके. इससे पहले भी यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद इंटरव्यू में सलेक्ट नहीं हो पाये थे. उन्होंने कहा कि शिक्षण पेशा से अलग नहीं हो रहे हैं.

हिंदी की शिक्षिका शुभम श्री पहले दी चुकी हैं इस्तीफा

पीजी हिंदी विभाग में बीपीएससी से नियुक्त शिक्षिका डॉ शुभम श्री वर्ष 2020 में शिक्षक पद से इस्तीफा देकर चली गयी थीं. शुभम श्री हिंदी विषय की अच्छी शिक्षिका के रूप में मानी जाती थीं.

रीतू मिश्रा लियन पर गयीं

पीजी जूलॉजी विभाग की शिक्षिका डॉ रीतू मिश्रा विवि से लियन पर हैं. वर्तमान में रीतू मिश्रा इलाहाबाद सेंट्रल विवि में सेवा दे रही हैं. बताया जा रहा है कि विभाग में शिक्षक की कमी है.

शिक्षक जाते हैं, तो दुखद है : पूर्व डीन

विवि के पूर्व डीन प्रो अशोक कुमार ठाकुर ने कहा कि टीएमबीयू से शिक्षक जाते हैं, तो दुखद है. जबकि पहले बीएचयू, पटना व दूसरे विवि से टीएमबीयू आने के लिए शिक्षकों में होड़ लगी रहती थी. यह व्यवस्था का दोष है. राज्य व विवि स्तर पर सोचने की जरूरत है.

शिक्षकों का मौलिक अधिकार : कुलपति

टीएमबीयू के कुलपति प्रो जवाहर लाल ने कहा कि एनओसी लेना शिक्षकों का मौलिक अधिकार है. हर कोई चाहता है कि सेंट्रल विवि में सेवा दे. इस बारे में संबंधित अधिकारी से बात कर जानकारी ली जायेगी.

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