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टेरर फंडिग के आरोप में NIA ने गोपालगंज से एक संदिग्ध को उठाया, दो लैपटॉप समेत मिले कुछ दस्तावेज

गोपालगंज जिला एक बार फिर आतंकी गतिविधियों को लेकर सुर्खियों में आ गया है. टेरर फंडिग के मामले में एनआनए की टीम ने गोपालगंज से एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है. पाकिस्तानी आतंकवादियों से कनेक्शन रखने के आरोप यह गिरफ्तार हुई है.

पटना. गोपालगंज जिला एक बार फिर आतंकी गतिविधियों को लेकर सुर्खियों में आ गया है. टेरर फंडिग के मामले में एनआनए की टीम ने गोपालगंज से एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है. पाकिस्तानी आतंकवादियों से कनेक्शन रखने के आरोप यह गिरफ्तार हुई है. गोपालगंज के मांझागढ़ थाने के पथरा गांव से गुरुवार को एनआइए की टीम ने हसमुल्लाह अब्बास के पुत्र जफर अब्बास को गिरफ्तार किया है. उसके पास से दो लैपटॉप, छह मोबाइल व 6 सिम कार्ड बरामद किये हैं.

बताया जाता है कि एनआईए को कुछ इनपुट्स मिली थी. उसी के आधार पर गोपालगंज के मांझागढ़ थाने के पथरा गांव से जफर अब्बास को उठाया गया है. कहा जा रहा है कि साइबर क्राइम से जुड़ी टीम को टेरर फंडिग को लेकर पाकिस्तानी आतंकवादियों से उसके

कनेक्शन की पुख्ता जानकारी मिली है. गिरफ्तारी के बाद एनआईए अब्बास को लेकर दिल्ली रवाना हो गयी है और आगे की पूछताछ अब दिल्ली में ही होगी. गोपालगंज के एसपी आनंद कुमार ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है, लेकिन मामले के संबंध में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है.

पुलिस सूत्रों के अनुसार जफर अब्बास का संपर्क पाकिस्तान में बैठे लोगों से था. स्थानीय थाना भी उस पर नजर रख रही थी. एनआइए की इस कार्रवाई के बाद गोपालगंज पुलिस ने इलाके में चौकसी बढ़ा दी गयी है.

जफर की बहन सबेया खातून ने कहा कि वह बीटेक फाइनल इयर का छात्र है. वह मध्यप्रदेश के भोपाल के आरजीपीयू यूनिवर्सिटी के आइइएस कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई करता था. कोरोना काल में वह अपने घर आया था और यही से आकर ऑनालाइन पढ़ाई करता था. फरवरी 2022 में फाइनल इयर का एग्जाम होना था. जफर दो भाइयों में बड़ा भाई है. छोटा भाई इसी माह मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा दिया है. परिजनों ने जफर को निर्दोष बताते हुए कहा कि साजिश के तहत उसे फंसाया गया है.

जफर की मां सलीमा बेगम ने कहा कि बेटा आतंकी नहीं हो सकता. उसे पंचायत चुनाव के तहत साजिश में फंसाया गया है. वहीं गिरफ्तार युवक के पड़ोसी और रिश्तेदारों ने भी निर्दोष बताया है. परिवार वालों का कहना है कि गिरफ्तार जफर अब्बास के पिता म. हसमुल्लाह दुबई में 1978 से रहकर काम कर धन अर्जित किया और अपने मकान को बनवाया, जिसे अब टेरर फंडिंग के रुपये को जोड़कर जांच की जा रही है.

मालूम हो कि गोपालगंज में एनआइए की कार्रवाई का यह कोई पहला मामला नहीं है. इसके पहले लश्कर-ए-तैयबा के खूंखार शेख अब्दुल नईम आतंकी का कनेक्शन गोपालगंज से जुड़ा था. शेख अब्दुल नईम गोपालगंज में नाम व पता बदलकर पासपोर्ट बनवा चुका था और यहां लश्कर-ए-तैयबा का स्लीपर सेल तैयार किया था.

साल 2017 में खुफिया एजेंसियों के रिपोर्ट पर बनारस से शेख अब्दुल नईम की गिरफ्तारी हुई. उसके बाद गोपालगंज से जुड़े तार का खुलासा हुआ और लश्कर-ए-तैयबा के स्लीपर सेल से जुड़े सक्रिय सदस्य बेदार बख्त उर्फ धन्नू राजा की दिसंबर 2017 में नगर थाना के जादोपुर चौक स्थित ननीहाल से हुई थी.

धन्नू एनएसयूआई का जिलाध्यक्ष भी था. इसके बाद 2017 में ही मांझा थाने के आलापुर गांव से एनआइए ने मुकेश कुमार को गिरफ्तार. लश्कर-ए-तैयबा के स्लीपर सेल से जुड़े चौथे सक्रिय सदस्य महफूज आलम की गिरफ्तारी साल 2018 में नगर थाना क्षेत्र के दरगाह मोहल्ले से हुई. एनआइए की लगातार कार्रवाई के बाद सुरक्षा एजेंसियां और स्थानीय पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है.पूरी गोपनीयता के साथ संदिग्धों पर नजर रखी जा रही.

इनपुट- गोविंद

Posted by Ashish Jha

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