पटना. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने शुक्रवार को पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) के खिलाफ बिहार समेत चार राज्यों में छापेमारी की. बिहार में पटना जिले के धनरुआ थाना क्षेत्र के गांव बरनी के प्रमोद पांडेय के घर दबिश दी गई. यहां एनआईए टीम ने प्रमोद पांडेय के पुत्र सोनु पांडेय को अपने कब्जे में लेकर घर तलाशी ली और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. चार घंटे तक चली छापेमारी में एनआइए को दो अवैध हथियार, आपत्तिजनक उपकरण और कई दस्तावेज, नकदी और आभूषण के साथ एक भारतीय सेना की वर्दी भी मिली.
सोनू को अपने साथ ले गयी एनआइए की टीम
जानकारी के अनुसार एनआइए ने पीएलएफआइ कैडरों द्वारा जबरन वसूली के माध्यम से आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण की जानकारी मिलने के बाद 11 अक्टूबर 2023 को विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.उसके बाद से तथ्य जुटाकर छापेमारी की रणनीति बनाई थी. बिहार में टीम का नेतृत्व एनआइए के डीएसपी महेन्द्र सिंह राणा कर रहा था. सोनू को एनआइए की टीम अपने साथ ले गयी.
पीएलएफआइ के कैडर और समर्थक हैं सोनू
एनआइए ने शुक्रवार को जिन आरोपियों और संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई की, वे सभी झारखंड में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन पीएलएफआइ के कैडर और समर्थक हैं. वे हिंसक वारदात और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश में शामिल हैं. वहीं जबरन वसूली और लेवी वसूली से संबंधित मामले भी है. इस संबंध में एनआइए द्वारा एफआइआर में बरनी गांव के सोनू का भी नाम है.
धन जुटाकर पीएलएफआइ को पुनर्जीवित करने की थी योजना
एनआइए की अब तक की जांच से पता चला है कि प्रतिबंधित संगठन के कैडर कोयला व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, रेलवे ठेकेदारों और व्यापारियों से जबरन वसूली के माध्यम से धन जुटाने में शामिल थे. वे सुरक्षा बलों पर हमले, हत्या, आगजनी और समाज में आतंक पैदा करने के लिए विस्फोटकों और आइइडी का उपयोग सहित विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश भी रच रहे थे.
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पुनर्जीवित करने और विस्तार करने की साजिश
अब तक हुई जांच के अनुसार पीएलएफआइ कैडर लेवी वसूलने के अलावा अन्य दूसरी गतिविधियों, जैसे हथियारों और गोला-बारूद की खरीद में भी शामिल थे.जांच से यह भी पता चला है कि पीएलएफआइ के नेता, कैडर और समर्थक झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और अन्य पीएलएफआई प्रभावित राज्यों में संगठन को पुनर्जीवित करने और विस्तार करने की साजिश रच रहे थे.
देशभर में 23 स्थानों पर धावा बोला
तथ्यों के आधार पर छापामारी की रणनीति बनाकर एनआईए टीम ने शुक्रवार को एक देश भर में 23 स्थानों पर एक साथ धावा बोला. आज जिन आरोपियों और संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई की गई, वे सभी झारखंड में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन पीएलएफआई के कैडर और समर्थक बताए गए हैं. वे हिंसक वारदात और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश में शामिल हैं. इन पर जबरिया वसूली और लेवी वसूली के मामले भी हैं. एनआईए द्वारा एफआईआर में बरनी गांव के सोनू का भी नाम है.
जबरन वसूली के माध्यम से जुटाते थे धन
जानकारी के अनुसार, एनआईए की अब तक की जांच से पता चला है कि प्रतिबंधित संगठन के कैडर कोयला व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, रेलवे ठेकेदारों और व्यापारियों से जबरन वसूली के माध्यम से धन जुटाते थे. ये सुरक्षा बलों पर हमला, हत्या, आगजनी, आतंक पैदा करने के लिए विस्फोटकों और आइइडी के उपयोग की साजिश भी रच रहे थे. जांच से यह भी बात सामने आई है कि पीएलएफआई के नेता, कैडर और समर्थक झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और अन्य पीएलएफआई प्रभावित राज्यों में संगठन को पुनर्जीवित करने और विस्तार करने की साजिश में लगे हुए हैं.