भागलपुर में NIA रेड की पूरी कहानी, कौन है शंकर यादव और मोती यादव? जानिए क्यों हुई दोनों के घर पर छापेमारी..

NIA Raid Bhagalpur: बिहार के भागलपुर में एनआइए की रेड गुरुवार को हुई. भागलपुर के बरारी में प्रॉपर्टी डीलर शंकर यादव तो वहीं नवगछिया के रंगरा में मोती यादव के घर में एनआइए ने छापेमारी की. जानिए दोनों के बारे में ..

By ThakurShaktilochan Sandilya | February 9, 2024 9:44 AM

NIA Raid Bhagalpur: बिहार के भागलपुर में गुरुवार को एनआइए और इनकम टैक्स की रेड सुर्खियों में बनी रही. एनआइए की दो टीम भागलपुर में अहले सुबह से ही सक्रिय हो गयी. एक टीम ने नवगछिया के रंगरा में दबिश डाली जबकि दूसरी टीम भागलपुर के बरारी थाना क्षेत्र अंतर्गत हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में छापेमारी के लिए पहुंची. बरारी में प्रॉपर्टी डीलर शंकर यादव एनआइए के रडार पर चढ़ा तो रंगरा में प्रखंड के प्रमुख मोती यादव के खिलाफ एनआइए ने कार्रवाई की. पूरे दिन दोनों छापेमारी की खबर जंगल में आग की तरह फैलती रही. वहीं रात में कार्रवाई पूरी करने के बाद एनआइए ने शंकर यादव को गिरफ्तार भी कर लिया.

रंगरा और बरारी में छापेमारी..

भागलपुर में एनआइए की टीम रंगरा में प्रखंड के प्रमुख मोती यादव और बरारी में प्रॉपर्टी डीलर शंकर यादव के घर में छापेमारी की. शंकर यादव के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित घर में गुरुवार की अहले सुबह ही पुलिस व जांच एजेंसियों के अधिकारी पहुंच गए.

NIA की टीम सुबह से छापेमारी में जुटी

एनआइए के अधिकारी व पदाधिकारी के साथ-साथ इनकम टैक्स की पटना व रांची से भी सात सदस्यीय टीम रेड करने पहुंची थी.जब रेड की खबर सामने आयी तो पूरे शहर में यह चर्चा का विषय बना था. हालांकि पूरे दिन लोगों को इनकम टैक्स की रेड की ही जानकारी मिली. लेकिन शाम होते-होते एनआइए के बारे में भी जानकारी बाहर आयी. इस रेड की वजह जानने के लिए लोग आतुर दिखे. दरअसल, अपराध का पैसा अपने कारोबार में खपाने के आरोप के साथ-साथ आय से अधिक संपत्ति होने के आरोपों को लेकर भी यह छापेमारी की गयी.


शंकर यादव का मामला जानिए..

वर्ष 2020 में झारखंड में सुजीत सिन्हा, अमन साहू और अन्य लोगों ने कोयला खदान पर हमला किया था. यह जांच एनआइए को सौंप दी गयी थी. इसी मामले के तार भागलपुर तक जुड़ गए. एनआइए ने बिहार के भागलपुर, पूर्णिया, मधेपुरा में गुरुवार को एकसाथ छापेमारी की. इसी क्रम में भागलपुर में भी शंकर यादव के घर पर छापेमारी हुई. शंकर यादव के घर से 1.30 करोड़ के करीब कैश बरामद किए गए हैं. जमीन के कागजात और हथियार की भी बरामदगी हुई है. वहीं अमन साहू गैंग से जुड़े कई दस्तावेज भी हाथ लगने की बात सामने आयी है.

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कौन है शंकर यादव

स्थानीय लोग बताते हैं कि शंकर यादव पहले साधारण सा एक सीमेंट की दुकान चलाता था. उसके बाद वो ठेकेदारी के धंधे में जुट गया. उसने फिर ट्रैक्टर का एक शोरूम खोल लिया. इसके बाद शंकर यादव की हैसियत और चाल-ढाल पूरी तरह बदल गयी. वो देखते ही देखते हाउसिंग कॉलोनी सहित शहर के कई नामचीन अपार्टमेंट और इलाकों में जमीन की खरीद और बिक्री करने लगा. कुछ साल पहले ही जीरोमाइल के गोपालपुर में उसने एक बड़ी जमीन खरीदकर उसपर भवन निर्माण का काम शुरू किया था. इस भवन में दो अंडरग्राउंड फ्लोर तैयार हो रहे थे जो चर्चे का विषय बना हुआ था.

नवगछिया के रंगरा में NIA की रेड

इधर, एनआइए की एक टीम गुरुवार की अहले सुबह पुलिस जिला नवगछिया स्थित रंगरा पहुंची. यहां टीम ने कई कांडों के आरोपित सह प्रखंड प्रमुख संजीव कुमार उर्फ मोती यादव के घर छापेमारी की. एनआइए की टीम मोती यादव के घर में सुबह चार बजे ही प्रवेश कर गयी. उसके घर एक बजे तक छापेमारी चली. मोती यादव के खिलाफ एनआइए में केस दर्ज था, इसी सिलसिले में हाउस सर्च का वारंट लेकर एनआइए की टीम पहुंची थी. छापेमारी के दौरान मोती यादव घर में मौजूद नहीं थे.

कौन है रंगरा का मोती यादव?

नवगछिया अंतर्गत रंगरा प्रखंड प्रमुख मोती यादव 50 हजार रुपये का इनामी रहा है, लेकिन वह सभी कांडों में फिलहाल जमानत पर हैं. उसका लंबा आपराधिक इतिहास रहा है. पांच जुलाई 2014 को विवाह के दौरान सधुआ के सिकंदर यादव की गोली मार कर हत्या कर दी थी. प्राथमिकी में मोती यादव सहित अन्य आरोपित नामजद थे. 16 जून 2015 को कटरिया स्टेशन के पास कुख्यात अपराधी भगता मंडल के चचेरे भाई भोला मंडल की गोली मार कर हत्या कर दी थी. वह नवगछिया न्यायालय से केस की पैरवी कर घर लौट रहा था. इस मामले में भी मोती यादव नामजद आरोपित रहा है. 09 अगस्त 2017 को गोपालपुर प्रखंड के डिमाहा के किशन कुमार को अगवा कर हत्या कर दी. इसमें भी वह नामजद आरोपित रहा है. नवगछिया थाना क्षेत्र श्रीपुर के मुखिया पुलकित सिंह के भाई पैक्स अध्यक्ष दरोगी सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी. इस मामले में भी उसको नामजद आरोपित बनाया गया था.

मोती यादव के घर क्यों पहुंची NIA ?

नवगछिया एसपी पूरण कुमार झा ने बताया कि आरोपित के विरुद्ध 1-21 एनआइए में केस दर्ज है. आरोपित मोती यादव के हाउस सर्च वारंट था. जांच टीम में एक इंस्पेक्टर व चार सब इंस्पेक्टर ने जांच की. एक मोबाइल, कुछ कागजात व अन्य सामान जब्त कर एनआइए की टीम अपने साथ लेकर गयी है. एनआइए के एसपी ने बुधवार को संपर्क कर छापेमारी में स्थानीय महिला व पुलिस जवान से सहयोग करने की मांग की थी. जांच के दौरान रंगरा ओपी की पुलिस, महिला पुलिस जवान व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सहयोग कर रहे थे.

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