बिहार: नरेश भोक्ता हत्याकांड मामले में NIA की रेड, दो साल पहले हुई थी मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी
नरेश भोक्ता हत्याकांड मामले में भाकपा (माओवादी) के हाथ को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के द्वारा झारखंड और बिहार में सात ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है.
नरेश भोक्ता हत्याकांड मामले में भाकपा (माओवादी) के हाथ को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के द्वारा झारखंड और बिहार में सात ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. बता दें कि नरेश सिंह भोक्ता हत्याकांड के नामजद नक्सली को सीआरपीएफ व जिला पुलिस जवानों ने करीब दो वर्ष पहले दबोच लिया था. उसे मदनपुर थाना क्षेत्र के अंबाबार कंतरी से पकड़ा गया था. गिरफ्तार नक्सली मनोज सिंह भोक्ता, उसी गांव का रहने वाला है. नरेश सिंह भोक्ता की हत्या साल 2018 में नक्सलियों के द्वारा कर दी गयी थी.
पुलिस से मुखबीरी के आरोप में हुई थी हत्या
नरेश भोक्ता की हत्या नक्सली मनोज भोक्ता के द्वारा पुलिस मुखबीरी के आरोप में की गयी थी. इस मामले में पुलिस के द्वारा एफआईआर दर्ज की गयी है. सीआरपीएफ को गुप्त सूचना मिली थी कि नक्सली मनोज भोक्ता अपने घर पर ही हैं. इसके बाद कार्रवाई की गयी थी. बताया जाता है कि नरेश की हत्या करने का दूसरा मक्शद लोगों में डर पैदा करना था. मामले में पुलिस और एनआईए के द्वारा लंबे वक्त से कार्रवाई की जा रही है.
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कल अभिजीत यादव और प्रसाद यादव पर हुई थी कार्रवाई
इससे पहले बुधवार को एनआईए के द्वारा माओवादी के सबजोनल कमांडर अभिजीत यादव और प्रसाद यादव के पलामू जिले के घर सघन छापेमारी की. एनआइए की टीम दोनों माओवादियों के घर में विभिन्न दस्तावेजों को खंगाल रही थी. माओवादी अभिजीत यादव छतरपुर थाना क्षेत्र के बंधुडीह गांव का रहने वाला है. जबकि, प्रसाद यादव छतरपुर थाना क्षेत्र के बगैया गांव का है. झारखंड सरकार ने टॉप माओवादी अभिजीत यादव पर 10 लाख व प्रसाद यादव पर पांच लाख का इनाम रखा था. चार महीने पहले बिहार के गया से एसटीएफ ने अभिजीत यादव को गिरफ्तार किया था. वहीं पांच माह पहले पलामू पुलिस ने प्रसाद यादव को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है.