मुजफ्फरपुर के शिवदाहा गांव में एनआइए की टीम किसी खास व्यक्ति का पता लगाने बुधवार को आयी थी. हालांकि उसका पता नहीं चलने पर पंचायत के मुखिया से मुलाकात कर चार वार्ड का वोटर लिस्ट लेकर वापस लौट गयी थी. इस दौरान एनआइए की टीम बेनीबाद ओपी प्रभारी से भी मिली, लेकिन उन्हें भी अपने आने का मकसद नहीं बताया. पूरे मामले को गोपनीय ही रखा गया है. माना जा रहा है कि जिस व्यक्ति की तलाश एनआइए कर रही है, वह नाम बदल कर उस इलाके में रह रहा है.मुखिया गणेशी ठाकुर से जब इस मामले में बात किया गया तो उन्हाेंने बताया कि टीम ने उनसे सिर्फ धर्म परिवर्तन के बारे में हल्की चर्चा करते हुए वार्ड संख्या 5, 6, 7 व 8 के वोटर लिस्ट की मांग की थी. उसे उपलब्ध करा दिया गया. जब मुखिया ने विशेष जानकारी की बात की तो कहा गया कि पांच छह दिनों में वे लोग जब दुबारा आयेंगे तो बता देंगे. एनआइए की टीम के आने की बात पर क्षेत्र में कई तरह की चर्चा है.
नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहा है शिवदाहा
शिवदाहा पंचायत पूर्व में नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहा है. वर्षो पूर्व आईजी गुप्तेश्वर पांडे की पहल पर सभी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा से जुड़ गए थे. मुख्यधारा में जुड़ने के बाद सरकार द्वारा कई तरह का आश्वासन उनलोगों को दी गई थी. लेकिन कई मांगें अभी भी लंबित होने से आत्मसमर्पित नक्सलियों में आक्रोश है. हालांकि यह भी चर्चा है कि कहीं क्षुब्ध आत्मसमर्पित नक्सली पैसे के लिए आतंकवाद की तरफ तो नहीं जुड़े हैं.
लोमा पंचायत का एक ने बदला था देहरादून में धर्म
प्रखंड के लोमा पंचायत के लोमा गांव के दिनेश सहनी देहरादून से धर्म परिवर्तन कर सात से आठ वर्ष पूर्व अपने गांव पास्टर दिनेश बनकर पहुंचे. उसके बाद वे गरीब तबकों के बीच जाकर ईसाई मिशनरी का प्रचार करना शुरू किया था. प्रार्थना सभा में सभी तरह की बीमारियों व समस्याओं से छुटकारा पाने का प्रचार भी किया. प्रार्थना सभा में शामिल कराकर उसे झाड़ फूंक करवाते साथ ही इलाज भी करवाते. इस कारण भूसरा, कमरथू, सिसवारा, बरूआरी आदि गांव से दर्जन भर से अधिक परिवार के लोग रविवार को लोमा स्थित प्रभु ईशु सभा भवन में जाते है.