दरभंगा. बिहार में पंडित के शुभ मुर्हूत पर कर्फ्यू के नियम भारी पड़ रहे हैं. दरभंगा के जिलाधिकारी ने साफ शब्दों में कहा है कि विवाह समारोह को हर हाल में रात नौ बजे तक संपन्न करा लिया जाये. जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने सोमवार को अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में संक्रमण के रोकथाम एवं कोरोना मरीजों के इलाज की व्यवस्था को लेकर संबंधित पदाधिकारियों के साथ बैठक की.
इसमें डीएम ने कहा कि रात नौ बजे रात के बाद कहीं भी विवाह समारोह का आयोजन नहीं होना चाहिए, कारण नौ बजे रात के बाद नाइट कर्फ्यू लागू है. इसलिए विवाह समारोह हरहाल में नौ बजे रात के बाद नहीं चलना चाहिए. एसडीओ और सिटी एसपी को इसकी निगरानी कराने के लिए कहा गया है.
बैठक में कोरोना मरीज के शवों के अंतिम संस्कार की भी समीक्षा की गयी. सदर के एसडीओ राकेश गुप्ता ने बताया कि अनेक परिजन अपने मृतक कोरोना मरीज के शव को छोड़कर चले जा रहे हैं. इनका अंतिम संस्कार प्रतिदिन रात में करना पड़ रहा है. इसके लिए और कर्मियों की आवश्यकता पड़ रही है.
जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा को अतिरिक्त कर्मी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. बैठक में बताया गया कि अन्य जिलों के कोरोना मृतक के शव को भी उनके परिजन नहीं ले जा रहे हैं. इन बिन्दुओं पर गहन विमर्श किया गया.
डीएम ने डीएमसीएच के कोरोना इमरजेंसी वार्ड के नोडल डॉ यूसी झा से कहा कि गंभीर प्रकृति के कोरोना मरीज को ही डीएमसीएच में एडमिट किया जाए. माइल्ड कोरोना केस वालों को संबंधित प्रखण्ड के कोविड केयर सेंटर में भेजें. साथ ही जो जिला के मॉडरेट कोरोना केस हैं, उन्हें डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर (परीक्षण भवन) में एडमिट किया जाए.
मरीज को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर या कोविड केयर सेंटर रेफर करते समय कोविड मैनेजमेन्ट व्हाट्स ऐप ग्रुप में रेफर की सूचना डाल दें. इससे संबंधित अस्पताल उसे तुरंत एडमिट कर लेगा और मरीज को इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
डीएम ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को टीम की तरह काम करना होगा. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी कोविड मरीजों की स्क्रीनिंग कर उन्हें एडमिट करेंगे. इसके लिए टेस्ट की संख्या बढ़ानी होगी.
उन्होंने कहा कि जिन मरीजों की स्थिति में सुधार हो जाती है तथा उनका एसपीओ-2 90 प्रतिशत के उपर लगातार दो दिनों से रह रहा है, उन्हें डीएमसीएच से डिस्चार्ज किया जा सकता है. इससे अन्य गंभीर मरीजों को बेड मिल सकेगा. इस संबंध में सभी चिकित्सकों को प्रशिक्षण देना होगा.
Posted by Ashish Jha