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बिहार में आज से कम होगा रात का तापमान, पटना में ठंड ने ली तीन की जान, 16 बीमार

बिहार मे पछुआ का प्रवाह जारी है. शनिवार को सीवान के जीरादेई मे सबसे कम आठ डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ है. पटना में अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री नीचे 21 डिग्री सेल्सियस चल रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 16, 2022 9:12 AM

पटना. पश्चमी विक्षोभ और प्रति चक्रवात गुजर चुके है. हालांकि रात की अपेक्षा दिन कुछ ठंडा महसूस हो रहा है़ आइएमडी के पूर्वनुमान के मुताबिक अगले 24 घंटे मे बिहार में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने का पूर्वनुमान है. अपवाद के रूप में कुछ जगहों को छोडकर पूरे बिहार का अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे आ चुका है.

बिहार मे पछुआ का प्रवाह जारी है. शनिवार को सीवान के जीरादेई मे सबसे कम आठ डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ है. पटना में अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री नीचे 21 डिग्री सेल्सियस, गया में सामान्य से दो डिगरी नीचे 21.3 डिग्री नीचे तापमान चल रहा है.

शेष बिहार में कमोबेश ऐसी ही स्थति है. हालांकि न्यूनतम तापमान पूरे बिहार में अभी भी सामान्य से अधिक चल रहा है. पटना में सामान्य से दो डिग्री ऊपर 11 डिगरी सेल्सियस, गया मे सामान्य से पांच डिग्री अधिक, पूर्णिया मे सामान्य से तीन डिग्री अधिक न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया है.

हालांकि रविवार से न्यूनतम तापमान मे दो से तीन डिगरी सेल्सियस की कमी आने का पूर्वनुमान जारी किया गया है. बिहार के कई हिस्सो मे मध्यम से घना कोहरा छा सकता है. फिलहाल पछिया हवा की रफ्तार कम होने से शीत लहर अभी थमी हुई है़

हार्ट अटैक से तीन की मौत, 24 घंटे में 16 मरीज हुए भर्ती

पटना. सर्द का प्रकोप जारी है. ठंड के चलते बीते 24 घंटे के अंदर हार्ट अटैक व ब्नेन स्टोक से तीन लोगों की मौत हो गयी. इनमे दो की इंदिरा गांधी हदय रोग संस्थान में और एक मरीज की पीएमसीएच अस्पताल मे मौत हुई है. ठंड अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इतने ही देर में 16 मरीज को इमरजेंसी वार्ड मे भर्ती कराया गया है, जबकि ब्रेन स्ट्रोक के सबसे अधिक 18 मरीज आइजीआइएमएस अस्पताल मे भर्ती है.

पीएमसीएच के अधीकक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि अस्पताल के ओपीडी मे सर्द इस समय सर्दी जुकाम और कोरेाना के ही मरीज इलाज कराने आ रहे है. ब्रेन स्ट्रोक के व दिल से जुड़ी बीमारियो के मरीजो की भीड़ अधिक होने लगी है. सर्द से जुड़ी बीमारियो के शिकार बच्चों की भी संख्या बढ रही है.

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